जवान भतीजी की गर्म चूत मिली अचानक

Dec 12, 2025 - 19:05
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जवान भतीजी की गर्म चूत मिली अचानक

दिल्ली एअरपोर्ट पर मेरे युवा भतीजी ने मुझे xxx गर्म चूत का मजा दिया।  उसे सिर्फ अपने होटल में ले गया।  हम दोनों को रात को क्या हुआ?

 प्रिय पाठकों और पाठिकाओ, ये Xxx गर्म चूत का रोमांटिक कहानी मेरी एक रिश्ते में लगती भतीजी की है, जिसे अपने ऑफिस के काम से दिल्ली आना पड़ा और मेरे साथ होटल में रुकना पड़ा।

 चौबीस वर्षीय मेरी भतीजी का नाम श्रेया है।
 वह गोरी-चिट्टी, अप्सरा की तरह सुंदर है।

 श्रेया पांच फीट छह इंच का कद, लम्बे काले बाल, गोल चेहरा और लाल सुर्ख होंठ है।
 श्रेया के चौंतीस सी चौड़े गोल चूचे।

छब्बीस इंच की पतली बलखाती कमर
 श्रेया के छत्तीस इंच के बड़े सुडौल, गोल-गोल थिरकते हुए चूतड़, पतली कमर के नीचे किसी बूढ़े के लण्ड को भी खड़ा कर सकते थे।

 दिल्ली एयरपोर्ट पर आज मुझे अचानक श्रेया मिल गई।
 दिल्ली मीटिंग के लिए मैं मुंबई से आया था।
 वह भी चंडीगढ़ से दिल्ली की मीटिंग के लिए आई थी।

 एयरपोर्ट से निकलते ही मैंने टैक्सी में चाचू-चाचू की मधुर आवाज सुनी।

 पलटकर देखते ही मैंने देखा कि श्रेया खड़ी मुस्कुरा रही थी।
 श्रेया ने मुस्कुराते हुए अपनी बाहें फैलाकर मुझे देखा।

मैं भी मुस्कराकर, “अरे श्रेया!  आप आए हैं! “उसे बाहों में लेकर मैं उससे ज्यादा गर्म हो गया।”

 फिर हम दोनों चले गए; मैंने अपने आने का कारण बताया, और श्रेया ने अपना।

 फिर मैं चौंक गया जब श्रेया ने मीटिंग वाले वेन्यू का नाम बताया क्योंकि मेरी भी मीटिंग उसी वेन्यू में हुई थी।

 मैंने पहले से ही वेन्यू वाले होटल में कमरा बुक कर रखा था।
 श्रेया चहकते हुए अपना बैग लेकर टैक्सी में बैठ गई जब मैंने उसे साथ चलने को कहा।

 हम कुछ बातें करते हुए होटल पहुंचे और जल्दी तैयार होकर अपनी-अपनी मीटिंग में चले गए।

शाम को छह बजे मीटिंग से मैं अपने कमरे में पहुंचा।
 जैसा कि मैंने देखा, श्रेया अभी भी नहीं आई।


 आदत के अनुसार, मैंकपड़े उतारकर सिर्फ अंडरवियर और बनियान पहनकर बाथरूम में मुंह-हाथ धोने गया।

 मैंने मूतने लगा, कमोड के पास खड़े होकर अंडरवियर की साइड से लण्ड निकाला।

 मैंने गर्दन को ऐसे ही इधर-उधर घुमाया, जिससे श्रेया की जींस और टॉप बगल में एक हूक पर गिर गए।

 मैंने उसकी जींस और टॉप उठा लिया, आदत से मजबूर ठरकी मर्द की तरह।

जैसे ही मैंने जींस और टॉप उठाया, मैंने देखा कि श्रेया का काले रंग का थांग और मैचिंग ब्रा थे।

 मैंने थांग और ब्रा लेकर फिर से जींस और टॉप टांग दिया।


 मैं श्रेया पर कोई बुरा विचार नहीं रखता था; मैं सिर्फ आदत से मजबूर था और कमरे में अकेले होने के कारण गलत हरकत कर रहा था।

 श्रेया की ब्रा को ध्यान से देखते हुए, मैं उसके चूचों पर विचार करने लगा और कल्पना में उनकी पिक्चर बनाने लगा।

 ये सब करते हुए मेरा लिंग थक गया।

 फिर मैंने श्रेया की पैंटी देखकर सूंघने लगा।
 पेंटी की अजीब खुशबू थी।

मैं श्रेया की चूत के होंठों में जीभ चला रहा हूँ जैसे मैं पैंटी को सूंघते हुए वहां-वहां जीभ फिराने लगा।


 मैं श्रेया को दिखाने लगा कि वह मुझे चूत चटवाते हुए उफ्फ! आह चाचू! चिल्ला रही है।


 तभी मेरा फोन बज गया।
 तो मैंने श्रेया की ब्रा-पैंटी को वहीं टांगकर बाहर निकल गया, फटाफट लण्ड को अंडरवियर में डालकर।

 जब मैं फोन उठाया, तो उधर श्रेया था।

 “चाचू!,” उसने चहककर कहा।  मीटिंग में मैं बहुत लेट गया!  भी, मेरी फ्लाइट मिस हो गई!  आज दिल्ली में रुकना होगा!  कृपया मेरे लिए कमरा बुक कर दो। ”

मैंने कहा, “अरे श्रेया, कमरा तो मेरे पास है ही, दूसरा क्यों बुक करना?”  मेरे साथ रुक जाओ। ”


 श्रेया ने कहा, “आह!  थैंक्यू चाचू!  मैं सिर्फ दस मिनट में आता हूँ! ”


 मैंने फोन काटकर कमरे में बने छोटे बार से व्हिस्की की बोतल निकालकर एक पेग बनाकर पीने लगा।
 बार गेट के ठीक सामने था।

 मैंने गिलास को टेबल पर रखकर दरवाजा खोला जब कमरे की बेल बजी।

 “ओह चाचू!” श्रेया ने दरवाजा खोलते ही मेरी छाती पर सिर रखकर कहा।  आज मैं बहुत थक गया!  इतनी लंबी बैठक!  ओह!  भी, मीटिंग के दौरान मेरी फ्लाइट मिस हो गई! ”

“कोई बात नहीं, श्रेया, तुम रेस्ट कर लो,” मैंने कहा और उसके सिर पर हाथ फिरा दिया।  आज मेरे साथ रहो और कल फिर चलो। ”

 “हां, ठीक है चाचू!” श्रेया सीधी होकर बोली।  ये ठीक होगा! ”


 Shreya जैसे ही सीधी हुई, उसका हाथ मेरे अंडरवियर में झूलते लण्ड से टकरा गया।

 ऊपर से नीचे तक मुझे देखते हुए उसने कहा, “अरे चाचू!  आप कच्छे-बनियान में घूम रहे हैं क्यों? ”
 “कच्छा-बनियान नहीं, अंडरवियर-बनियान बोलो!” मैंने हंसते हुए कहा। श्रेया ने कहा, “व्ववो!  यही सब है, चाचू! ”

 मैंने अपना पेग उठाकर श्रेया से पूछा, "तुम पेग लोगी क्या?" “चाचू, मैं बहुत थक गया हूँ!  मैं पी लूंगा अगर तुम माँ को नहीं बताओगे! ”

“श्रेया, क्या तुम भी बच्चों की तरह डरती हो?” मैंने पूछा, दूसरा गिलास लेकर व्हिस्की डालते हुए।  आराम से पीकर मनोरंजन करो! ”

 मैंने अपना गिलास पेग श्रेया की तरफ करते हुए चियर्स बोला।

 तो उसने मुस्कुराते हुए मेरी ओर देखा और कहा, “चियर्स! “चाचू!,” उन्होंने उत्तर दिया और तीन-चार घूंट में पूरा पेग घटक कर सोफे पर बैठकर कहा।  तुम नंगे क्यों घूम रहे हो? ”
 “अरे श्रेया, इसे नंगा नहीं कहते!  जैसा कि आप जानते हैं, मैं ऑफिस से लौटने के बाद घर में भी हल्के कपड़े पहनता हूँ, और मैं अकेला था, इसलिए ऐसा हुआ। ”

श्रेया ने कहा, “पर चाचू, अभी तो आप अकेले नहीं हो!  मैं भी वहाँ हूँ! ”

 “अरे यार, तो तुम कौन-सी बेगानी हो?” मैंने श्रेया की गाल पर हाथ फेरा।  तुम भी अपने हो!  मैं एक अतिरिक्त कमरा बुक कर लेता हूँ अगर मेरी ऐसी चाल आपको परेशान करती है! ”


 “नहीं चाचू!  मेरा मतलब था कि वह नहीं था!  मैं सिर्फ मजाक कर रहा था! ”

 उसके बगल में सोफे पर बैठकर मैं अपना पेग ले आया।
 फिर हम दोनों अलग-अलग विषयों पर चर्चा करने लगे।

 मेरा पेग थोड़ी देर में खत्म हो गया, तो श्रेया एक गिलास लेकर उठकर दूसरा पेग बनाने लगी।

“चाचू! वह मेरे गिलास में व्हिस्की डालते हुए बोली।  कितना बड़ा पेग बनाऊँ? मैंने कहा, “अरे सिर्फ!  एक बहुत छोटा सा!  थोड़ा-थोड़ा पीता हूँ! ”

 “चाचू!,” उसने कहा, अपने गिलास में व्हिस्की उड़ेलते हुए।  मैं एक भारी पेग पीता हूँ!  बहुत मज़ा आता है! ”

 “अरे श्रेया! मैंने उसके गिलास की ओर देखा और कहा,  तुमने व्हिस्की का गिलास भर दिया!  अब सोडा कहां मिलेगा? ”

 श्रेया ने मेरे पेग में सोडा डालकर एक गिलास मुझे दिया, फिर खुद के गिलास में थोड़ा सा पानी डालकर आधा गिलास खाली कर, फिर पूरा गिलास खाली कर, सिर हिलाते हुए, “आह! सी! सी!”

जब मैं उठकर उसके मुंह में नमकीन काजू डाला, तो वह ठीक था।


 “चाचू!,” उसने सोफे पर पसरते हुए कहा।  वास्तविक दारू का स्वाद जब तक मुंह में नहीं आता, पीने में मजा नहीं आता! ”


 फिर वह हंसते हुए कहा, “जैसे आप पी रहे हो, वैसे तो दारू पानी जैसी लगती है! “यार! मैं हंसते हुए कहा।  तुम पागल हो! ”

 थोड़ी देर बाद श्रेया ने कहा, “चाचू!  जब मैं फ्रेश हो जाता हूँ, मैं कपड़े बदल लेता हूँ! “ठीक है, श्रेया! मैंने कहा।  तुम बदलो! ”

 Shreeya तुरंत सोफे से उठकर मेरी गोद में गिर पड़ी।

“चाचू!,” उसने एक मिनट में उठकर कहा।  एक बार दारू पीने से थोड़ा चक्कर लगता है!  यह कुछ समय में ठीक हो जाएगा! फिर वह खड़ी-खड़ी नमकीन खाते हुए बाथरूम में गई।

 श्रेया थोड़ी देर बाद बाहर आई और अजीब लग रही थी।

 उस समय श्रेया केवल एक गुलाबी फ्रॉक में थी।
 उसके गोल-गोल चूचे फ्रॉक में कसे हुए थे, जिससे उसके तने हुए निप्पल स्पष्ट दिख रहे थे।
 उसके पास ब्रा भी नहीं थी।

 श्रेया ने बालों को पीछे बांध दिया।

 श्रेया ने अपनी गोरी टांगें जांघों तक नंगी कर दीं।
 मैंने उसे बिना पलक झपकाए देखा।
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उसने मुझे ऐसे देखकर हंसते हुए कहा, “लो चाचू!  अच्छे से देखो!  तुम्हारी तरह मैं भी चड्डी-बनियान में हो गया हूँ! ”


 जैसे ही श्रेया घूमी, उसके दोनों चूतड़ उछलकर थिरके।
 शायद अभी भी श्रेया ने पैंटी नहीं पहनी थी।

 अगर वह पहनी भी हो, तो भी कोई पतली थांग होगी, क्योंकि किसी लड़की के चूतड़ सिर्फ तब थिरकते हैं जब उसने कुछ नहीं पहना है।

 बाद में श्रेया ने कहा, “उफ्फ चाचू!  ऑफिस में बहुत काम करना पड़ता है!  तुम आज मानोगे नहीं क्योंकि मैं सुबह से बाथरूम गया हूँ।  मैंने अपनी टंकी भर दी! ”

“अब तो खाली कर आई अपनी टंकी, या अभी भी भरी हुई है?” मैंने हंसते हुए पूछा। “अरे चाचू!  कितनी देर मूतने के बाद खाली है! ”


 श्रेया की बहकी-बहकी बातें सुनकर मुझे लगा कि उसे नशा हो गया है।

 श्रेया की बेबाक बातों से मेरे मन में पहले चोदने का कोई विचार नहीं था।

 मैंने श्रेया से पूछा, "श्रेया! तुम गर्ल्स को सूसू करने के बाद धोना पड़ेगा या नहीं?" ”

"अरे चाचू!" श्रेया ने चिल्लाकर कहा।  पूरे दिन कितनी बार मूतना चाहिए!  हम हर बार धो नहीं सकते!  आपको पता है, सूसू की कुछ बूंदें अंदर रहती हैं, जिससे शाम तक गंदी स्मेल बनती है!  फिर मैं शाम को घर आकर साबुन से धोती हूँ!  गर्मियों में स्मेल से परेशान होकर मुझे अक्सर डियो लगाना पड़ता है! ”


 उसने अपने हाथ को झड़काकर मेरी आंखों में देखा और हंसते हुए कहा, “चाचू!  आप लोग मजे में हैं!  मुड़ने के बाद ऐसा करो; यह पूरा साफ हो जाता है! “अरे यार! मैं हंसते हुए कहा।  ठीक है!  डियो लगाने से आपकी आँखें काली हो जाएंगी। ”

फिर मैं उठकर बैग खोलकर श्रेया को महंगी परफ्यूम की बोतल दी, "श्रेया!"  सुबह नहाने के बाद इसकी एक बूंद लगाने से आप पूरे दिन महकते रहेंगे! ”


 जानबूझकर मैंने श्रेया को "तुम्हारी" कहा।


 श्रेया ने बोतल मेरे पास से लेकर उसे सूंघते हुए कहा, “चाचू!  मेरा गोरा रंग एक डियो से काला नहीं होगा।  और अगर बात परफ्यूम की है, तो मक्खियां मेरे पीछे लगातार घूमती हैं,  ज्यादा खुशबूदार परफ्यूम नहीं लगाना चाहिए! ”

 श्रेय का स्वर हल्का-सा लड़खड़ाने लगा।

“अरे! मैंने उसके पास बैठकर उसकी नंगी टांग पर हाथ फिराया।  अब समय है!  मक्खियों की संख्या अधिक होगी! ”

 श्रेया ने मेरे हाथ पर हाथ रखते हुए कहा, “चाचू!  हर किसी को ऊपर नहीं रख सकती ना! ”


 मैंने श्रेया को अपनी तरफ खींचा, उसके कमर में हाथ डालकर।
 बिना किसी प्रतिरोध के मेरे से चिपक गई।

 मैंने उसके हाथ को अपने लण्ड से हल्का टच करवाते हुए उसे ऊपर-नीचे हिलाया।

 फिर मैं उसकी जांघों की ओर अपने हाथ फिराने लगा।

"चाचू!" श्रेया ने अपने हाथ को मेरी जांघ पर फिराते हुए मेरी गर्दन पर अपना सिर रखते हुए कहा।  क्या गर्मी है!  मैं रहा नहीं गया! ”

 “श्रेया! कहो तो गर्मी निकाल दूं क्या?” मैंने उसकी गाल पर चूमते हुए कहा। ”


 “चाचू!” श्रेया इठलाते हुए मेरी बात सुनकर सोफे से उठ गई।  आप भी पेग लेंगे! ”

 छोटा सा ले लूंगा! मैंने उसके पीछे उठकर उसकी कमर में हाथ डालकर गर्दन पर चूमते हुए कहा। “चाचू!” श्रेया ने कहा।  मैं बहुत बड़ा लेता हूँ!  थोड़ा मजा नहीं आता! ”

जिससे वह मेरे थोड़ा सख्त हो चुके लण्ड को अपनी गांड की दरार में देख सके, मैंने अपनी कमर को श्रेया के चूतड़ों से भिड़ा दिया।

 “रुको ना चाचू!” श्रेया इठलाते हुए बोली, जब मैंने कहा।  मैं भी सूसू करना है!  बहुत जल्दी हो रहा है! ”

 जब श्रेया बाथरूम की ओर जाने लगी, मैंने उसका हाथ पकड़कर उसके होंठ चूसते हुए उसका हाथ अपने अंडरवियर में डाल दिया।

 वह भी बिना झिझक मेरे से अपने गुलाबी पतले होंठ चुसवाते हुए मेरे लण्ड को हथेली में लेकर सहलाने लगी।

 एक मिनट में मेरा लण्ड श्रेया की नरम हथेली से फनफना उठा।

“छोड़ो भी ना चाचू!” श्रेया ने हाथ बाहर निकालते हुए कहा।  मैं मर जाऊँगा! ”

 “मेरी जान!,” मैंने फिर से श्रेया के होंठ चूमते हुए कहा।  क्या घटना हुई?  क्या आपको डर लगा? “आह चाचू!” श्रेया ने मेरी बाहों में इठलाते हुए कहा।  आप बहुत बड़े लग रहे हैं! ”


 लण्ड बाहर आकर हवा में झूलने लगा, जब मैंने अंडरवियर नीचे खिसका दिया।

 मैंने उसे लड़की का हाथ पकड़ना चाहा, लेकिन श्रेया ने एक हाथ से लड़की के सुपाड़े और दूसरे हाथ से बॉल्स को पकड़कर नीचे बैठ गई और लड़की को ध्यान से देखते हुए कहा, “उफ्फ चाचू!  ये इतना बड़ा और भारी है!  निग्रो की तरह लगता है! ”

श्रेया ने अपनी जीभ निकालकर सुपाड़े के नीचे बनी खाई पर फिराते हुए फिर से कहा, “ओह चाचू!  ये बहुत बड़ा है! ”

 मैंने श्रेया की ठुड्डी पकड़कर उसकी आंखों में देखते हुए कहा, "अरे!"  हमारी श्रेया भी बड़ी है! “चाचू!,” श्रेया ने उठकर कहा।  यह इतना बड़ा भी नहीं लेना चाहता कि फट जाए! ”

 "श्रेया! तुम अपनी चूत को ठंडे पानी से धोती हो या गर्म पानी से?" मैंने उसे खींचकर दीवार से लगा दिया और उसका लण्ड पकड़कर उसकी चूत पर भिड़ाते हुए कहा, "श्रेया! तुम मेरे से अलग होकर फिर से बाथरूम में जाने लगी। ”

“उफ्फ चाचू!” श्रेया ने चिल्लाकर कहा, जैसे ही लण्ड ने उसकी चूत को छुआ।  पानी से ही धो लेती हूँ! ”


 “ठीक है! मैंने कहा।  आज मैं अपनी प्यारी चूत धो दूंगा! “नहीं चाचू!” श्रेया ने लंबी सांस ली।  ये सब मैं नहीं कर सकता! ”


 “क्यों?” मैंने पूछा, लण्ड को उसकी चूत के होंठों में रगड़ते हुए गर्दन पर चूमते हुए।  क्या कठिनाई है? “आप मेरे चाचू लगते हो, और आपकी उम्र भी तो मेरे से कितनी बड़ी है!” श्रेया ने कहा। ”

 जब मैंने श्रेया की फ्रॉक ऊपर उठा दी, तो उसके दूध जैसे गोरे और रुई की तरह नरम बूब्स मेरे सामने आ गए।

“चाचू लगता हूं तो क्या हुआ?” मैंने पूछा, उसके दोनों बूब्स को पकड़कर एक की निप्पल को थोड़ी देर चूसते हुए।  किस भतीजी की चूत में चाचू का लण्ड नहीं जा सकता! ”

 फिर मैंने श्रेया की पैंटी के ऊपर से उसके छेद पर लण्ड लगाकर पूरा दबाव उसकी चूत पर डाला, जिससे वह थोड़ा ऊपर उठ गई।

 मैंने फिर कहा, “श्रेया!  आजकल, कमसिन लड़कियों को अपने से डबल उम्र के आदमी से चुदवाने में मजा आता है!  मर्द की उम्र अधिक मजा देगी! ”

“ठीक है चाचू!” श्रेया ने कांपती हुई आवाज में कहा।  ऊपर से काम करो!  मैं नहीं आऊंगा! ”


 मैं जानता था कि छोटी लौंडिया नखरे कर रही है।


 मैंने श्रेया को एक झटके से छोड़ दिया और बोतल उठाकर पेग बनाने लगा।

 मेरी इस हरकत से परेशान होकर श्रेया मेरे पास आकर मेरी पीठ से लिपटकर कहा, “ओह चाचू!  क्या हो गया?  बिना कुछ के क्रोधित हो रहे हो! “तो है! मैंने कहा।  करो जो करना है! ”

मैंने उसका हाथ पकड़कर उसे छिटकते हुए कहा, “तू वो रण्डी नहीं है, जिसे मैं बाजार से पैसे देकर लाया हूं, और जिससे मैं अपनी मर्जी करूं! तू मेरी श्रेया है! मैं तुम्हें प्यार करना चाहता हूं! ऐसा प्यार जो आज तक तुझे किसी ने ना किया हो! एक बार तुम भी दिल से अपने चाचू को प्यार करके देखो! तुम्हें इतना मजा दूंगा कि तुम सारी उम्र याद रखोगी!”

श्रेया मेरे से फिर से लिपटते हुए मुझे चूमते हुए बोली, “सच चाचू? मुझे प्यार करोगे आप? सच में चाचू?”
मैंने कहा, “बिल्कुल श्रेया! तुम्हें बहुत प्यार करूंगा!”

श्रेया बोली, “उफ्फ! तो करो ना चाचू! किसने मना किया है आपको! मैं तो खुद चाहती हूं कि आप जैसा कोई सख्त मर्द मुझे मसल कर रख दे!”

तब श्रेया ने मेरे अंडरवियर से लण्ड निकालकर मेरी चूत को मसला, "उफ्फ चाचू!  ये कितने कठोर हैं!  बहुत खराब!  वाह!  मैं चाहता हूँ कि चाचू ऐसा पत्थर जैसा लण्ड मेरी चूत को अंदर से छील दे।  जय श्रीकृष्ण!  अपनी श्रेया से प्यार करो!  वाह!  मैं प्यार करता हूँ, चाचू! ”


 श्रेया के होंठों को चूमने के लिए मैंने एक हाथ से उसके बाल खींच लिए।
 श्रेया मेरे होंठ चूसती हुई किसी पागल प्रेमिका की तरह मेरा लण्ड सहलाती थी।

 जैसे ही मैंने श्रेया की फ्रॉक उतार दी, वह मेरी बनियान ऊपर उठा दी।

 मैंने अपनी बनियान और अंडरवियर उतारकर श्रेया को गोद में उठाया और उसकी टांगों से पैंटी खींचकर निकाल दी, जब वह बेड पर लिटा हुआ था।

फिर मैं श्रेया के फूली हुई चूत के होंठों पर अंगुली फिराने लगा।
 मेरी इस कार्रवाई से श्रेया रोने लगी।

 Shreya की चूत बहुत सुंदर थी।
 श्रेया की गुलाबी रंग की दूध जैसी गोरी चूत के होंठ पूरी तरह से फूले हुए थे।  एकदम चिकनी, अभी शेव की तरह।

 “इसकी हर रोज शेव करती हो क्या?” मैंने पूछा, अंगुलियों से चूत के होंठ फैलाते हुए। “आह! सी! सी चाचू!” श्रेया ने कहा।  शेव नहीं, हर सोमवार को मैं इसकी वैक्सिंग करता हूँ! ”

 श्रेया की चूत पूरी तरह से लाल रंग की थी।
 चूत का दाना छोटा और नुकीला था।

श्रेया एक झटके से, “नहीं चाचू! नहीं!” कहते हुए बैठ गई, जब मैंने दाने को मसलते हुए चूत को चाटने के लिए जीभ निकाली।

 मैंने पूछा, "क्या हुआ?" तब उसने कहा, “रुको!  मैं इसे सूसू करने और वॉश करने दो! “कोई बात नहीं!” मैंने जवाब दिया।  मैं चाटकर धोता हूँ! ”

 इसके बाद श्रेया ने कहा, “नहीं चाचू!  इस तरह नहीं!  मुझे पहले साफ करने दो! मैंने कहा, "ठीक है!"  मैं पानी लाता हूँ, मैं साफ कर दूंगा, लेटो! ”

 मैं उठकर बाथरूम से एक मग में गर्म पानी लेकर श्रेया से कहा कि वह लेट जाए।

श्रेया ने कहा, “चाचू!  मुझे बहुत जल्दी सूसू आया! ”

 मैंने कहा, "थोड़ी देर रोको!"  मैं अपनी चूत को साफ करूँगा, फिर करो! ”


 श्रेया बिना कुछ कहे लेट गई।

 मैंने किनारे से पानी से एक तौलिया गीला करके चूत को अंदर तक साफ करने लगा।

 “चाचू! चूत को साफ करने के बाद मैंने मग को साइड में रखा, तो श्रेया ने कहा,  मैं अब चुप रहूँगा! “लो! मैं पास में रखे कांच के गिलास को उठाकर श्रेया से कहा।  कदम उठाओ! ”

 Shreya उठकर मेरे सामने खड़ी हो गई।

मैंने उसे एक गिलास देकर कहा, "लो!  इसमें मूर्ख रहो! “ओह चाचू!,” श्रेया ने गिलास अपनी चूत में डालते हुए कहा।  क्या कर रहे हो? मैंने कहा, "करो तो सही!"  मुझे खुशी होगी! ”


 Shreya ने, "आह! सी! सी!" करते हुए, "शर्र-शर्रर" की आवाज से गिलास में मूत डाला।

 जब गिलास उसके मूत से भरा हुआ था, वह तुरंत उसे रोककर बाथरूम में भागी और फर्श पर बैठकर मूतने लगी।

 उसके पीछे-पीछे मैं भी बाथरूम में आ गया।

 श्रेय की सुंदर चूत से मूत की तीखी धार निकल रही थी।

 मैंने लण्ड को उसके होंठों से लगाते हुए सहलाया।

बकवास करते हुए, श्रेया ने अपने एक हाथ की दो अंगुलियों से अपनी चूत के होंठ खोले और दूसरे हाथ से मेरे लण्ड पर अपनी जीभ फिराने लगी।

 मुस्कुराते हुए, श्रेया ने दूसरे हाथ से मेरी गोलियों को पकड़ लिया और उन्हें सहलाते हुए लण्ड को अपने मुंह में भरकर चूसने लगी।

 थोड़ी देर बाद मैंने श्रेया को उठाया और सोफे पर बिठा दिया।
 श्रेया ने एक-एक हाथ मेरे खड़े लण्ड को पकड़कर कहा, “चाचू!  कभी इतना बड़ा लण्ड नहीं देखा था! ”

 मैंने कहा, “श्रेया!  अब तक कितने लण्ड देखे हैं? “चाचू!” श्रेया ने लंबी सांस लेकर कहा।  कितने भी देखे हों, उससे आपका क्या अनुभव है?

मेरी चूत की कुंवारी लड़की से भी ज्यादा मजा आपके इस मोटे मूसल से मिलेगा! ”


 मैंने कहा, "अच्छा!  क्या यह है? “जी चाचू!  मैं आपको बहुत मजा दूंगा, लेकिन मुझे लंबे समय तक रहने वाला कपड़ा चाहिए! ”

 मैंने कहा, "चल!  आजमाकर देखो!  मैं तुम्हें कुतिया की तरह पूरी रात नहीं पेला, तो मेरा नाम बदल दो! ”

 श्रेया ने खुशी से सोफे से उठकर मुझसे लिपटते हुए पूछा, "सच चाचू?"  तुम्हारे लिंग में इतना बल है कि पूरी रात मुझे चोद सकते हो? मैंने श्रेया को घुमाकर जमीन पर घोड़ी बनाकर उसके गद्देदार चूतड़ों को चाटने लगा।
 मैं श्रेया की चूत में अपनी पूरी जीभ डालकर चाट रहा था।

थोड़ी देर बाद श्रेया ने कहा, “आह चाचू!  हाय!  चाचू!  मैं आपका सुंदर लण्ड चाहता हूँ!  वाह!  मैं बहुत विनम्र हूँ!  लड़खड़ाओ! “वह बोलने लगी।”

 मैंने श्रेया को उसके बालों से पकड़कर सोफे पर लिटा दिया और उसकी दोनों टांगें उठाकर लण्ड को उसकी बहती चूत पर लगाया।
 तो उसने चिल्लाकर कहा, “चाचू!  बहुत बड़ा है!  चिकना करने के लिए कोई क्रीम लगाओ! ”

 “चुप साली रण्डी!  लण्ड को चूत में डालने के लिए मचल रही थी, तो तेरी गांड भी फटने लगी! ”

यह सुनते ही श्रेया ने मुझे अपने ऊपर गिरा दिया और मुस्कुराकर मेरी आंखों में देखते हुए कहा, “मेरे प्यारे चाचू!  मैं रण्डी नहीं हूँ; मैं तुम्हारी भतीजी हूँ! ”

 मैंने कहा, "भतीजी होगी, पर अभी तो तेरी चूत पर मेरा लण्ड रखा हुआ है, और चूत पर जिसका लण्ड रखा हुआ है, लड़की उसकी लण्डी ही होगी!" ”


 “चाचू!,” श्रेया ने अपनी कमर हिलाकर चूत को लण्ड पर रगड़ते हुए कहा।  चेहरा सॉफ्ट लगता है, लेकिन दिल में कसाई मर्द लगता है! “देखती रह!” मैंने कहा।  तुम्हारे साथ मैं क्या करता हूँ! ”

“उफ्फ चाचू!” श्रेया ने कहा, हाथ अपने पेट के ऊपर से लेकर लण्ड को अपने छेद पर रखते हुए कहा।  आपके शरीर की शक्ति आपके लण्ड से अधिक है!  आप इसे हाथ में रखते हैं तो लगता है कि आप एक भारी लोहे का हथौड़ा पकड़ रहे हैं। ”

 “देख श्रेया! मैंने उसकी एक चूची जोर से काट दी।  तुम्हारी जैसी कलियों के लिए मजबूत लण्ड अधिक आनंददायक होगा! “उफ्फ मेरे राजा!  मज़ा ले!  किसने मना कर दिया!  मैं आपके लण्ड लेने के लिए तड़प रहा हूँ! ”

 मैंने श्रेया से बात करते हुए एक हाथ उसकी कमर के नीचे रखा और दूसरा हाथ उसकी गर्दन के नीचे रखा।

और श्रेया की ओर देखकर कहा, “ले मेरी रानी!  लण्ड छेद पर रख!  एक बार सुपाड़ा ले जाओ, बाकी मैं देख लूंगा! ”

 मेरी बात सुनते ही श्रेया ने अपनी पतली अंगुलियों को मेरे पत्थर जैसे लण्ड पर रखकर आंखें बंद कर लीं।
 श्रेया के कठोर होंठ चमक रहे थे।

 मैंने उसकी बाहों में कसकर उसके कमर को हिलाकर चूत पर एक जोरदार झटका दिया।
 श्रेया बहुत जोर से चिल्लाई, "उफ्फ!  जय श्रीकृष्ण!  मर गया!  बहुत भारी है!  कृपया करो। ”

मैंने कमर को हिलाकर लड़की को हल्का सा बाहर खींचा और फिर उतना ही वापिस डालकर देखा कि लड़की अभी भी कितना बाहर है।

 लण्ड लगभग चार इंच अंदर गया होगा।
 मैंने श्रेया को बताया, “श्रेया!  आधा लण्ड अभी भी नहीं गया! ”

 श्रेया ने कहा, “आह!  ठीक है, मम्मी! “प्लीज बस चाचू!” उसने कहा, दांत भींचकर।  इतना पर्याप्त है!  तुम इतने को हिलाकर पानी निकाल लो! ”

 “सुन मेरी लाडो!” मैंने उसके मासूम चेहरे को देखकर उसके बालों में हाथ फिराते हुए कहा, उसकी बात सुनकर मुझे हंसी आ गई।

 “जी चाचू!” श्रेया ने हल्की आंखें खोलकर कहा, उसके चेहरे पर दर्द था।

“ये लण्ड है, जो तेरी मशीन के अंदर पूरा जाएगा!” मैंने कहा।  फिर तेरी मशीन इसे जितना भींचेगी, रगड़ेगी और लेकर जितना मसलेगी, उतनी जल्दी ये झड़ेगा!  तुमने गलत सोचा था कि पांच मिनट में तुम्हारी चूत इसे आधे से कम भर लेगी। ”

 श्रेया ने कहा, “आह चाचू! “आधे घंटे से आपका क्या मतलब चाचू?” उसने पूछा, गर्दन उठाकर। ”

 मैंने श्रेया को पुचकारते हुए उसके होंठों को चूसते हुए, धीरे-धीरे उसकी दोनों चुचियों को मसलते हुए लण्ड को उसकी चूत की जड़ तक पहुंचाया।

मेरे हर झटके पर श्रेय ने कहा, “आह!  हाय!  आह, माँ!  जय श्रीकृष्ण!  वाह, चाचू!  मैं मर जाऊँगा!  वाह!  आप बहुत मूर्ख हैं!  हाय!  मैं आपकी बेटी की तरह हूँ!  सावधान रहो!  हाय!  करो!  बहुत बड़ा है!  वाह!  वाह!  आप बहुत मोटे हैं! करते हुए पूरा लण्ड चुरा लिया।

 जब मैंने लण्ड को आधा बाहर खींचकर फिर से एक धक्का मारा, तो श्रेया चीख पड़ी।
 “धीरे कर, बहनचोद!” उसने जोर से कहा।  आज कुत्ते मारेंगे! ”

 मैंने उस पर रहम नहीं किया और एक लय में और एक स्पीड में लण्ड को उसकी कसी हुई चूत में डालने लगा।

थोड़ी देर मुझे गालियां देने के बाद श्रेया ने कहा, “उफ्फ चाचू!  आपका लण्ड मेरी चूत में बहुत टाइट है!  अंदर कोई मोटा डंडा लगता है! ”


 धीरे-धीरे मैंने श्रेया की चुचियों, गर्दन और होंठों को चूमते हुए अपनी गति बढ़ा दी।
 मेरे हर थप्पड़ के साथ, श्रेया ने कहा, “आह चाचू!  हाय माँ!  बहुत अच्छा है! “कमर हिला रहा था।”


 श्रेया को खुशी से नाचते देखकर मैं पूरी गति से उसकी चूत चूसने लगा।
 इसके बाद श्रेया ने मुझे कहा, “आह बहिनचोद कुत्ते! धीरे करो!  साले मेरी जान निकाल देंगे! “वह बोलते हुए धक्का देने लगी।

“क्या हुआ?” मैंने पूछा, उसकी चूत में लिंग रोककर। तब उसने कहा, “चाचू!  पहले की तरह व्यवहार करें!  बहुत अच्छा था!  अभी दर्द है! ”

 श्रेया को उठाने के लिए मैंने दोनों हाथों को उसके चूतड़ों के नीचे रखा।
 श्रेया ने मुझे बचाने के लिए अपने दोनों हाथ मेरी गर्दन पर कस लिए।

 उसे आगे-पीछे करने के लिए मैं खड़े-खड़े उसके चूतड़ पकड़ने लगा।
 लण्ड, जो पहले से ही पूरी तरह से टाइट उसकी चूत में जा रहा था, इस स्थिति में और अधिक टाइट जाने लगा।

 श्रेय ने कहा, “आह!  मैं बहुत खुश हूँ!  रुको, कृपया! अपनी टांगें पूरी तरह सीधी करके मेरी पीठ के पीछे फैला दीं।

उसने मुस्कुराकर मेरी ओर देखा और कहा, “उफ्फ मेरे राजा!  आपका लड़का बहुत सुंदर है! “वह बड़ी अदा से शरमा गई।”

 मैं पूरी गति से श्रेया को गोद में झुलाने लगा।
 मेरी आंखों में देखकर श्रेया सिसकारियां लेती हुई पूरा लण्ड लेती थी।

 मैं श्रेया को गोद में उठाकर कमरे में घूमते हुए लण्ड को उसकी चूत में डाल रहा था।

 “चलो ना चाचू!” उसने कहा जैसे ही मैं उसे उठाकर दरवाजे के पास पहुंचा।  ऐसे ही बाहर चलो! ”

 “साली रण्डी!” मैंने उसके माथे से माथा सटाकर कहा।  तुम्हें ऐसे चुदवाते देखकर होटल के सभी आदमी पागल हो जाएंगे! ”

“तो क्या हुआ चाचू?” श्रेया ने तपाक से पूछा।  कोई ऐसा देखना मुझे बहुत अच्छा लगेगा! ”

 मैंने बेड के पास आकर श्रेया को बेड के कॉर्नर पर लिटा दिया, उसकी टांगें फैलाकर एक सिरहाना उसकी गांड के नीचे रखा, उसके दोनों कंधे पकड़ लिए और एक घुटना बेड पर रखा।

 श्रेया ने हंसते हुए अपनी गांड नीचे से उठा दी, जब मैं उसकी चूत में धक्का मारने लगा।

 दोनों तरफ से धक्का लगने से लण्ड उसकी बच्चेदानी तक सरसराया।

“आह चाचू!  मर गया! “वह चीखी।
 उसकी गाल पर थप्पड़ मारकर मैंने कहा, “साली रण्डी!  तुम धक्का मारना चाहिए था क्या जब तुम पूरा लण्ड नहीं ले पा रही थी? ”

 श्रेया ने अपनी दोनों बाहें फैलाकर अपनी चुचियों को उभारते हुए कहा, “आह! उफ्फ चाचू!  सीधा बच्चेदानी पर रखने से लगता था कि कुछ अंदर से फट जाएगा!  वाह, चाचू!  लेकिन बहुत मज़ा आया! ”

 मैंने उसकी एक चूची को मुंह में लेकर पूरी गति से चूसने लगी।

 कमरे में तूफान आया।

 “आह मेरे राजा!  मुझे मार डालो!  वाह!  बहुत अच्छा है!  आपका लड़का बहुत सुंदर है!  हाय!  वाह!  वाह! “वह बोल रही थी।”

मैं उसे बिना रुके पेल रहा था।

 थोड़ी देर बाद श्रेया ने कहा, “आह चाचू!  थोड़ा और जल्दी!  आह, चाचू!  हाय!  थोड़ा और जल्दी!  मैं गिरने वाला हूँ! “वह जोर से चिल्लाकर नीचे से अपनी गांड उठाकर मेरे लण्ड से लड़ रही थी।”

 श्रेया थोड़ी देर में थक गई।  वह हांफते हुए गिर पड़ी।

 यहाँ मैं अपने दोनों घुटनों को बेड पर रखकर गति बढ़ा दी।

 नीचे से सिर्फ श्रेया, "चाचू!"  वाह!  करो!  मैं गिर गया! “वह बोल रही थी।”

 पर मैं रुकने के बजाय उसकी चूत की जड़ तक लंड डाल रहा था।

 थोड़े झटकों के बाद, मेरे लण्ड से गाढ़े वीर्य की धार निकलकर श्रेया की बच्चेदानी से टकराई, जिससे श्रेया की चूत गर्म वीर्य से भर गई।

भी मेरी सांसें तेज हो गईं।  हांफते हुए मैं भी श्रेया के ऊपर गिर गया।

 श्रेया की चूत में अभी भी मेरा वीर्य फुदक रहा था।

 थोड़ी देर बाद, श्रेया ने मेरे माथे पर हाथ फेरकर कहा, “मेरे राजा!  क्या आपको अपनी श्रेया से प्यार हुआ? ”

 “मेरी जान! मैं अपना सिर उठाकर उसके पतले होंठों को थोड़ा चूसने के बाद उसकी आंखों में देखा।  तुम्हारी चूत मारना बहुत अच्छा लगा!  तुम्हारी चूत बहुत टाइट और गर्म है!  तुम भी बहुत नमकीन हो! ”

 श्रेया ने मेरी बात सुनकर शर्माकर अपना चेहरा मेरी छाती में छिपा लिया।

एक या दो मिनट बाद, जब मैं श्रेया के ऊपर से हट गया, मैंने उसकी चूत से लण्ड बाहर खींचा, तो दोनों कमरों से मेरी और उसकी धार बहने लगी।

 श्रेया का हाथ पूरी तरह से पानी से भीग गया था जब उसने अपनी चूत को छूकर देखा।

 “ओह चाचू! उसने अपना भीगा हुआ हाथ मुझे दिखाकर कहा।  क्या आपकी बॉल्स या मेरी चूत से इतना पानी निकला है? ”

 “चल! चल!” मैंने उसका भीगा हाथ पकड़कर उसके होंठों से सटा दिया।  परीक्षण करके मुझे बताओ किसका पानी है! ”

 मैं नंगा उसके सामने खड़ा था और श्रेया अपनी टांगें फैलाए लेटी थी।

 श्रेया की फैली हुई चूत में अंदर तक सफेद पानी था।

श्रेया ने मुस्कुराकर अपनी अंगुली मुंह में लेकर चाटते हुए कहा, “ओह चाचू! वेरी यम्मी!  ये बहुत अच्छा है!  तुम्हारे केले ने शायद मेरी मिक्सी में यम्मी शेक बनाया है! ”

 “क्रेजी लड़की! मैं एक तौलिया लेकर लण्ड को पोंछने लगा। और लण्ड साफ करके तौलिया उछाल दी।

 मैं घूमकर पेग बनाने के लिए बार की तरफ चला गया, जब श्रेया तौलिया लेकर अपनी चूत पोंछने लगी।

 एक हल्की चूत मारने के बाद मेरा नशा छूट गया।

 मैंने दो गिलास लेकर उनमें व्हिस्की डाल दी क्योंकि मैंने सोचा कि श्रेया भी पेग लेगी।

तभी मैं श्रेया के मूत से भरा गिलास उठाकर सूंघने लगा।

 मेरे पीछे से आते ही श्रेया ने मुझे अपनी नरम बाहों में पकड़ा।

 “चाचू! ” उसने कहा, एक हाथ से मेरे लण्ड को हिलाते हुए मेरे कानों के पीछे अपने नरम होंठ फिराते हुए।  आप बहुत मूर्ख हैं!  जब उनका काम समाप्त हो गया, वे तुरंत मुंह फिराकर दारू पीने आ गए! ”

 श्रेया के सख्त निप्पल मेरी पीठ पर दबे हुए थे, और उसके रुई जैसे नरम और गोल-गोल चूचे।

 मेरी जान! मैंने श्रेया का हाथ पकड़कर उसे अपने सामने खींचते हुए कहा।  मैं किसी को नहीं देखता!  दूसरे राउंड से पहले, मैं आपको एक पेग बनाने आया हूँ! ”

“ओह मेरी मम्मी! मेरे गले में बाहें डालकर झूमते हुए श्रेया ने कहा।  आपका मूसल अब मेरे बस का नहीं है!  मैरी ने इसे एक बार में फैलाकर रख दिया!  मेरी बच्चेदानी अभी भी उत्तेजित है!  तुमने मेरे अंदर इतनी जलन भर दी है कि मैं आपके बच्चे की माँ ही बन जाऊं! ”


 श्रेया के होठों से मैंने पेग लगाया।
 “आस सी चाचू!” उसने कहा और एक घूंट में आधा पेग पीकर मेरे निप्पलों पर जीभ फिराने लगी।


 मैंने अपना पेग उठाया और दारू पीने लगा।

तभी श्रेया ने गिलास को अपनी चूची के पास करके एक हाथ से अपनी निप्पल खींचकर उसे दारू में डुबोकर मेरी गर्दन पकड़कर मुंह में डाल दी।

 श्रेया की निप्पल मुझे चूसने लगी।

 फिर मैंने दारू में उसकी दूसरी निप्पल डालकर चूसा।
 कड़वी दारू के साथ कमसिन लड़की की गोरी चमड़ी बहुत ही स्वादिष्ट लगी।

 फिर मैंने श्रेया की दोनों चुचियों पर दारू डालकर पेग पूरा किया।

श्रेया की टांगों के बीच मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया और मैं उसकी सुंदर चूत पर चिल्लाने लगा।

 श्रेया ने मेरे से दूर होकर अपना पेग उठाकर कहा, “थोड़ा रुको भी ना चाचू!  सांस लेने दो!  अब भी पूरी रात है! ”

 फिर उसने कहा, “चाचू!  मैं वॉशरूम जाता हूँ, साफ करता हूँ और फिर आता हूँ!  अपनी टांगों के बीच मुझे बहुत चिपचिपा लगता है! ”

 फिर श्रेया अपने गोरे-गोरे चूतड़ मटकाते हुए बाथरूम की ओर चली गई।



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