दोस्तों ने बहनों की अदला बदली करके चोदा (Didi ki group chudai)

Dec 11, 2025 - 19:01
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दोस्तों ने बहनों की अदला बदली करके चोदा (Didi ki group chudai)

Samuhik chudai ki kahani भाई-बहन के बहुत बड़े ग्रुप सेक्स की कहानी है।  मैं कहानी के साथ हर व्यक्ति को बताता रहूँगा।  मैं पहले अपनी बड़ी बहन बताऊँगा।  स्वीटी मेरी दीदी का नाम है।  वह मुंबई के एक विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रही है।  मेरे पापा और मम्मी अक्सर बाहर रहते हैं क्योंकि वे हमारी कंपनी की देखभाल करते हैं।  मैं और मेरी बहन घर पर रहते हैं।  मेरी बहन बहुत सुंदर है और उसका शरीर बहुत सुंदर है— 36-28-38।  भगवान ने मेरी दीदी को सब कुछ ठीक-ठीक दिया:  उसके बूब्स, कमर, गांड, जांघें, चेहरा, बाल, हाइट और आवाज सब शानदार हैं।  उसका शरीर ऐसा है कि कोई भी देखे तो जानवर तक खड़ा हो जाएगा।  उसका बहुत ज्यादा नखरा एकमात्र कमी है।  इसलिए दीदी बहुत कम दोस्त है और कोई प्रेमी नहीं है।

 कथा का एक अतिरिक्त पात्र मेरी बिल्डिंग में रहता है।  मैं उससे बहुत अच्छा दोस्त था।  राज है।  वह २२ वर्ष का है, मैं २० वर्ष का, दोनों कॉलेज में पढ़ते हैं।  राज और मैं बाहर खड़े थे कि एक सुंदर लड़की आई।  “यार, देख क्या मस्त आइटम जा रहा है!” मैंने राज से कहा। ”  राज ने मुंह फेर कर देखा।  लेकिन मैं उसे घूरते हुए पूछा, "यार, इसके क्या मस्त फिगर है?"  बूब्स और गांड शानदार हैं!  इसके साथ सेक्स करना कितना मनोरंजक होगा! उसने फिर हमारी इमारत में प्रवेश किया।  मैं खुश होकर राज से पूछा, “यार, क्या ये हमारी बिल्डिंग में रहती है?” वह चुप रहा।  थोड़ी देर बाद, उन्होंने कहा, “चल, कहीं घूमकर आते हैं।” हम घूमने निकले।


 अगले दिन था रविवार।  मैं राज के घर गया।  मैं बाहर निकल गया और दरवाजा खटखटाया।  वही सुंदर लड़की दरवाजे पर खड़ी थी।  उसे देखकर मैं चकित हो गया।  फिर उन्होंने कहा, “मुझे राज से मिलना है।” “अंदर आओ,” उसने कहा।  राजकक्ष में है।  या तो मैं फोन करूँगा, या तुम खुद चले जाओ। मैं राज के कमरे में गया और उसे धन्यवाद दिया।  "ये यहां कैसे?" पूछा वह अंदर आते ही। “ये मेरी दीदी है,” राज ने कहा। “यार, माफ कर दे,” मैं डर गया।  कल जो मैंने कहा, उसके लिए माफी चाहता हूँ। “नहीं यार, माफी क्यों मांग रहा है?” राज ने मुस्कराकर पूछा।  कोई भी ऐसा नहीं कहेगा कि मेरी दीदी इतनी सेक्सी है। मैंने पहले नहीं समझा, लेकिन बाद में पता चला कि ये भी अपनी बहन से वैसा ही प्यार करता है जैसा मैं।  “हां यार, तेरी बहन जबरदस्त माल है,” मैंने कहा।  उस व्यक्ति के साथ एक बार सोने से उसका भाग्य बदल जाएगा। “हां, और तेरी बहन कोई कम नहीं,” राज ने कहा।  सबकी पहली पसंद वह है।  यहां के लड़कों ने तुम्हारी बहन के बारे में बातें की हैं। “क्या सुना?” मैंने पूछा। “यही कि तेरी बहन मस्त माल है,” उसने कहा।  सारी हीरोइनें उसके सामने असफल रहती हैं।  बात करते समय अपना लंड रगड़ो। ”

 उसकी बातें सुनकर मुझे अजीब लगा; हालांकि, यह बुरा नहीं था।  बल्कि खुशी थी।  “हां यार, मेरी दीदी बहुत सेक्सी और सुंदर है,” मैंने कहा। हम एक-दूसरे की बहनों की बात करते रहे।  लंड खड़े हो गए और मजा आया।  मेरे छह और दोस्त भी ऐसे ही बन गए, जो अपनी सेक्सी बहनों को चोदना चाहते थे।  हम एकत्र होते हैं और एक दूसरे की बहनों का नाम लेकर उनके बारे में पूछते हैं।  मैं बहुत खुश था।  तब हम खुल गए।  बहनों की ब्रा-पैंटी लाकर रगड़ते, पहनते और गंदी बातें करते  यह एक महीने चला।  फिर एक दोस्त ने कहा, “काश हमारी बहनें सच में हमसे चुदवातीं।” "दोस्तों, अपनी बहनों को पटा नहीं सकते, घरवालों का डर है," मैंने कहा।  लेकिन दोनों बहनों को पटा सकते हैं।  हमारे दोस्त से चुदवाएंगे तो बाहर किसी से चुदवाएंगे?  हम जानेंगे। ”

 इसे भी पढ़ें: रंडी बेटी ने अपने पिता से गैंगबैंग चुदाई की, जो सभी को पसंद आई  हम राजी हैं।  राहुल मेरी दीदी थी, मैं राज की बहन।  सबने इसे अपनाया।  “अभी मेरे घर चल, दीदी से मिलवा दूं,” मैंने राहुल से कहा। हम चले गए।  नमस्कार करने के बाद दीदी ने हाथ मिलाया और कुछ कहा।  फिर उन्होंने कहा, “सॉरी, मुझे जाना है। दीदी के भाव बहुत सुंदर हैं।  “यार, मेरी दीदी का जिस्म चाहिए तो मेहनत करनी पड़ेगी,” मैंने राहुल से कहा। “घर आ, दीदी से मिलवा दूं,” राज ने फोन किया। मैं गया, बातचीत की, फिर घर आया।

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 राज ने फिर कहा, “मेरी दीदी सुबह आठ बजे कॉलेज जाती है।”  बाइक छोड़ो। मेरा लिंग कमजोर हो गया।  मैंने कहा, "ठीक है। “मेरी बहन 9 बजे जाती है, लिफ्ट दे दे,” राहुल ने कहा। अगले दिन 7:30 पर मैं तैयार था।  8 बजे वह पहुंची।  हाय कहकर मैंने बैठने को कहा।  पहले मना करने के बाद मान गई।  नियमित रूप से लिफ्ट देने लगा।  हम दोस्त बन गए।  एक हफ्ते के दौरान खुलकर बात करें।  फिर फिल्म का कहना मान गया।  कॉलेज खाली हो गया।

 फिल्म की अंतिम सीट।  रोमांटिक सीन में हाथ कंधे पर रखा।  उसने मुस्कुराकर देखा।  बहादुरी बढ़ी।  कंधा, गर्दन, बूब्स सहलाया।  उसने कुछ कहा, लेकिन नहीं कहा।  मैं अपने बूब्स को दबाने लगा।  हमने स्मूच किया।  फिल्म छोड़ दी।  घर ले गया और चोदा।  यही कारण था कि हम सब एक दूसरे की बहनों को चोदने लगे।  भाइयों को बताना अच्छा लगता है।  लेकिन कोई मेरी बहन को नहीं पटा पाया।  दुःख हुआ।

 हमने एक योजना बनाई।  एक दोस्त के माता-पिता बाहर चले गए।  उसने कहा, “बहन अकेली है।” मैंने कहा, “टेंशन मत ले, वो खुद फोन करेगी।” ऐसा ही हुआ।  मैं चला गया तो वे चिपक गए।  नग्न हो जाओ।  दोस्त को संदेश भेजा।  वह चाबी में घुसकर छुपकर देखा।  उसने मुझे देखा और मुस्कुराया।  उसने अपनी बहन को चिपकाया।

 उसने मेरे लिंग को चूस लिया।  मैंने लिटाया और अपनी चूत चाटी।  दिखाया।  “ये क्या हो रहा है?” वह क्रोधित होकर आया। बहन घबरा गई।  मैंने नाटक किया, सॉरी ने कहा।  वह धमकाने लगा।  मैं बिना कपड़े के सॉरी बोलता रहा।  मेरी बहन मेरे पीछे छुपी हुई थी।  मित्र ने कहा, “मम्मी-पापा को बताऊंगा।” मैंने कहा, "फायदा नहीं।"  ठंडे मन से विचार करें।  चूप रहो, इससे लाभ होगा। “कैसे?” उसने पूछा। “हमारे साथ मजा ले,” मैंने कहा।  ये आवश्यक है। “नहीं, ये मेरी बहन है,” उसने कहा। मैंने कहा, “हां, लेकिन लड़की भी।”  यदि हम नहीं करेंगे तो बाहर से कोई करेगा।  हम करेंगे। बहन के बूब्स पर उसका हाथ पकड़ लिया।  बहन कुछ भी समझ नहीं पा रही थी।  भाई मना करेगा।  उसने मेरी ओर देखा।  “चलने दो,” मैंने कहा। उसने शर्म से सर झुका लिया।  वह बूब्स खेलने लगा।  कपड़े उतारे, लंड पकड़ा, "आज से दो लंड की मालकिन।" बहन हाथ हिलाने लगी।  “शरमाने से क्या फायदा?” मैंने पूछा।  खोलो। हमने मनोरंजन किया।  बहन खुली।  सिवाय मेरे, हर कोई अपनी बहनों को चोदने लगा।

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 फिर फैसला किया:  एक-दूसरे की बहनों से समूहिक सेक्स  मुसीबत:  बहनों को कैसे तैयार करें?  दोस्त के जन्मदिन का बहाना, गोवा जाना  मेरी दीदी ने मना किया, लेकिन सभी बहनें मान गईं।  गोवा में मेरा खेत है।  बहनों को विमान से भेजा गया, जबकि हम कार से गए।  अंततः दीदी मान गई।  दोस्त को पीछे छोड़कर कार में आगे बैठी।  मैं थोड़ी दूर चला गया।  “नींद आ रही हो तो पीछे आ जाओ,” वह अपनी दीदी से कहा। मान गया।  बीच में बैठी हुई थी  मैं एक ओर, मित्र दूसरी ओर।  तीन लोगों की जगह चार लोग चिपके।  दीदी ने सर को मेरे कंधे पर रखकर सोया।

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 मैं हथेली में बूब्स रखता हूँ।  धीरे-धीरे सहलाया।  मित्र देख रहे हैं, लंड टाइट।  मैं भी।  रास्ते भर बूब्स से खेलते हुए दीदी सो गई।  गोवा में पहुंचे।  लड़कियां फार्महाउस में बोलने लगीं।  योजना बनाने लगे।  दीदी नहाने निकली।  मैंने कहा, "सबको सच बता दो, ग्रुप सेक्स को मान लो।" सब लोग सुनें।  वह एक बुरी पारिवारिक मनोरंजन कहानी से परेशान हो गईं।  दीदी जानती नहीं है।

 रात को दीदी सोने के बाद समूह सेक्स  अपनी बहनों के साथ कमरे में सभी।  मैं-दीदी एक बेड पर हैं।  साहस नहीं है।  दोस्त ने संकेत किया।  मैं निकल गया।  सब बड़े कमरे में लगे हुए थे।  पहले देखा।  रात भर आनंद लिया।  देर रात के कपड़े पहनकर दीदी के पास लेट गया।  अगले दिन सुबह देर से उठ गए।  खाना खाने के बाद रात का इंतजार किया।  रात हुई, मैंने खाना खाया और दीदी को सोने के लिए इंतजार किया।  हम बेड पर हैं।  दोस्त को फोन करने आया।  “कहां जा रहे हो?” दीदी ने पूछा जब मैं उठा। नींद नहीं आती। "क्यों?" मैं नहीं जानता। “समस्या क्या है?” दीदी उठी, छाती पर सर रखा। ”

 दीदी का एक हाथ उसके बूब्स को दबा रहा था, दूसरा उसके पेट पर।  मैं चुप हूँ।  दीदी ने पैर लंड पर रखा और कसकर चिपकी।  मुझे मजा आने लगा।  दीदी ने कहा, “कल रात सब जानते हैं, तुमने क्या किया।” मैं घबरा गया।  पर दीदी स्माइल दे रही है।  “बताओ, वरना योजना समाप्त कर दूंगी।” मैंने सब कुछ बताया।  दीदी गर्म हो गई, मुस्कुराने लगी और चिपक गई।  दोस्त बाहर से देख रहे थे।  5 मिनट तक स्मूच करने के बाद मैं अपने बूब्स दबाने लगा।

 धीरे-धीरे दीदी के कपड़े उतारे।  दीदी ने लंड को देखकर खुश होकर कहा, “हमेशा ऐसे लंड से चुदवाने सोची थी।” “बूब्स छाती से दबाकर जोर से चिपकी।  चूत पर लंड लगाया।  दीदी ने पागलों की तरह चूम लिया।  लगा एक-दूसरे के साथ मिल जाएगा।  दोस्तों ने तभी नंगे आया।  दीदी शर्मिंदा हो गई।  मैंने कहा, “शरमाने की जरूरत नहीं, ये दोस्त हैं।”  उन्हें अपनी बहनों को चोदते हैं। दीदी शांत रही।  “बाहर जाओ, दीदी को लेकर आता हूं,” मैंने कहा और दोस्तों को बाहर भेजा। ”

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 दीदी शर्मिंदा हो गई।  परिचय दिया गया।  नमस्कार, दीदी।  “ऐसे नहीं, लंड पकड़कर किस करो,” मैंने कहा। “नहीं होगा,” दीदी शर्मा ने कहा। "ट्राई करो।" लंड पर हाथ पकड़ लिया।  दीदी ने पकड़ा, लेकिन किस ने मना किया?  ठीक है, लेकिन सबका हाथ पकड़ हैलो बोलो। ”

 दीदी ने समझा।  प्रत्येक का परिचय  लंड उठाकर स्वागत किया।  मित्र ने बूब्स दबाकर हैलो कहा।  फिर बहनों से मुलाकात।  स्मूच किया और अपने बूब्स को दबाया।  दीदी शर्माने के बजाय खुल गई।  मैंने दीदी के बूब्स चूसने लगे और उसे चूमने लगा।  दीदी ने गर्म होकर सर को पकड़कर उसके बूब्स पर दबाने लगा।  धीरे-धीरे अपना शरीर चाटा।  पैरों के बीच पहुंचा।  सहलाई और सुंघी।  क्या सुगंध!  मैं मन किया खा जाऊँगा।  किसने चाटा?  दीदी चिल्लाई, “उफ्फ्फ..।  आह..।  आहहहहहहह  मेरे प्यारे भाई..।  हाँ, मेरी चूत चूस लो..।  आहहह..। मैं गर्म हो गया, जीभ छेद में डालकर गोल घुमाया।  दीदी ने मुस्कुराते हुए कहा, “आआआह्ह्ह..।  और स्पष्ट रूप से  उफ्फ..। सिसकारियां उठी।

 दो घंटे चूत चाटी।  दीदी ने बाल खींची, चिपककर स्मूच की।  मैंने कहा कि लंड चूस लो।  दीदी ने सोचा, प्यार से पकड़ा और सहलाया।  मैं उतर गया और किस करते हुए लंड तक पहुंचा।  किसने ऐसा किया कि वह चूसने लगी।  25 मिनट तक चूसा  मैंने ऊपर खींचा, स्मूच करते हुए।  चूत पर लंड लगाया।  दीदी ने उत्साह में अपनी गांड उछाली।  “प्लीज भैया, अब डाल दो मेरी चूत में..।  अपनी दीदी को इतना परेशान मत करो..।  मैं विनती करता हूँ..।  मैं एक लड़की से एक औरत बनना चाहता हूँ..।  जिस्म की भूख को शांत करो..।  आप अच्छे हैं..। मैं चिल्लाया।  जब सुपाड़ा आया, दीदी चिल्लाई, "आआआह्ह्ह..।"  दर्दनाक..।  उफ्फ..। “दीदी, आप वर्जिन हैं।”  पहले दर्द, फिर आनंद ”

 दीदी ने अपने होंठ चूसने लगे।  लंड और उसके अंदर चूसती हुई  आखिरी बार तीन बार पूरा घुसा।  दीदी ने चिल्लाकर कहा, “आआआह्ह्ह..।  मर गई..।  उफ्फ..।  निकालो..। “आवाज दबी हुई थी।”  मचली और अपने नाखूनों से खरोंचने लगी।  मैंने अपने बूब्स को चूसा और दबाया।  दर्द कम हो गया।  दीदी ने अपनी गांड घुमाने लगी।  मैं धीरे-धीरे अंदर-बाहर हुआ।  दीदी मनोरंजन करने लगी और साथ देने लगी।  “आह्ह्ह... बहुत जोर से..।  हाँ, सर..।  तुम अपनी दीदी को चोदो..।  उफ्फ..। मैंने अपनी जगह बदली:  डॉगी, मिशनरी, यात्रा।  दीदी ने सहयोग किया और मनोरंजन किया।  "फट्ट... फट्ट..।  आह..।  हां.।  चूत को फाड़ दो..।  लंड की मोटाई  उफ्फ..। अंततः वीर्य चूत में डाला गया।  वह थककर सो गया।  दीदी ने बाल सहले।  “आज औरत बन गई,” दोस्तों ने बधाई दी। ”

 दीदी प्रसन्न और संतुष्ट है।  खुद की बहन चोदना सबसे अच्छा है।  बस चुदाई का भूत, कोई चिंता नहीं।  दीदी ने दरवाजा तोड़ा।  अहसास शब्दों में नहीं व्यक्त किया जा सकता।  वर्जिन चूत में मोटा लंड।  क्या आपको कहानी पसंद आई?  क्या आप भी ऐसी चुदाई की कल्पना करते हैं? कृपया कमेंट करें।

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