19 साल की उम्र में जीजा ने लन्ड चूसना सिखाया

Dec 15, 2025 - 15:10
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19 साल की उम्र में जीजा ने लन्ड चूसना सिखाया

जब मेरे जीजू हमारे घर होली पर आए, तो उन्होंने वर्जिन लड़की की चूत चाटने का मजा लिया।  उन्होंने होली खेलते हुए मेरी चूचियां मसल दी, जो मुझे बहुत अच्छा लगा।

 इस कहानी सुनिए।
 प्रिय, मेरा नाम श्रेया है।
 मैं अभी काफी लंबी, गोरी और स्लिम हूँ।

 मेरी पहली कहानी लिखी जा रही है।

 मैं अपनी और अपने जीजाजी के साथ आपबीती कहानियाँ लिखने जा रहा हूँ, ताकि मैं आगे भी ऐसी कहानियाँ लिख सकूँ।
 जवान होते ही जीजू ने मुझे पहले लंड चूसना सिखाया।
 प्रिय, मेरी दीदी की शादी फरवरी 2023 में दो महीने पहले हुई थी।
 मैं तब बारहवीं क्लास में था।
 उस समय मेरी उम्र 19 साल थी।
 उस समय मेरा शरीर बहुत छोटा था।
 तब मेरे बूब्स उभरना शुरू ही हुए थे, शायद ३२।

 मेरे जीजू बहुत प्यारे हैं और मुझे बहुत प्यार करते हैं।
 पहले मैं उनसे बहुत शरमाती थी कि मैं उनके पास बैठ भी नहीं पाती थी।

 लेकिन फिर ऐसा हुआ कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा होगा।

 मेरे घर होली पर पहली बार दीदी और जीजू आए थे।
 वे हमारे साथ होली खेले।

 खेलते-खेलते उन्होंने मेरे बूब्स को छू लिया।
 दो या तीन बार ऐसा हुआ, तो मुझे अचानक क्रोध आया और मैं जीजू के पास जाने लगी।
 मैं उनका टच पसंद करने लगा।

 बाद में हम सब डांस करने लगे।
 डांस स्टेप में, जीजू ने मेरी पीठ और बूब्स को छूकर गले लगाकर डांस किया।
 मैं बहुत अच्छा लगने लगा।  जीजू के आसपास रहना मुझे अच्छा लगने लगा।

 हम खाना खाकर सो गए।

 मैं बीच में सो गया जब मेरी दीदी और जीजू एक तरफ सो रहे थे।

 जैसे ही जीजू ने मेरे लिप्स को छुआ, मुझे लगा कि मैं कहीं खोने लगी हूँ।
 फिर उन्होंने मेरे बूब्स पर हाथ रखकर मसलने लगे।

 मैं भी अच्छा महसूस कर रहा था।
 मैं उनकी मदद करने लगा।

 फिर जीजू ने मेरा हाथ अपनी लोअर में डाल लिया।
 मैं सन्न रह गया।
 अंदर कुछ चिपचिपा, मोटा और केले की तरह था।

 मैंने अपना हाथ तुरंत बाहर निकाल लिया।

 जीजू ने फिर से वहाँ मेरा हाथ लेकर उसे टच करने लगा।
 मैं अच्छा नहीं लग रहा था, लेकिन करना पड़ा।
 उनका लंड लोहे से भी कठोर था।

 फिर मैं सिहर गई और मेरे पैर में ऐंठन होने लगी जब जीजू ने अपना हाथ मेरी पैंटी में डाला।
 मेरी चूत में भी बाल नहीं थे।

 मैं जीजू का लंड पकड़कर ऊपर-नीचे कर रही थी जब वे मेरी चूत को सहला रहे थे।

 जीजू ने अचानक अपनी मध्यम फिंगर मेरी चूत में डाल दी।
 मैं चीख उठा।

 जीजू ने मुझे छत के ऊपर जाने का संकेत दिया।
 दीदी ने सो गया था।

 बाद में हम छत पर चले गए, लेकिन दिन था, इसलिए हम सीढ़ियों पर रुक गए और एक-दूसरे को लिप-किस करने लगे।

 मैं गर्म होने लगी जब जीजू ने मेरी गर्दन पर किस किया और मेरे बूब्स को सहलाया।
 मैंने अचानक महसूस किया कि जीजू की मोटी चूत मेरे कपड़े के ऊपर से टकरा रही है।

 जीजू ने मेरी पैंटी में एक हाथ डालकर वर्जिन साली की चूत को सहलाने लगा।
 मैं खुश था।
 मैं भी उनके साथ काम करने लगा।

 मेरी पैंटी अचानक जीजू ने नीचे सरका दी।

 आपको बता दूँ कि मैंने वन-पीस पहनी हुई थी, ताकि मुझे कोई परेशानी नहीं हुई।

 पैंटी मेरी चूत को चाटने लगी।
 मैं इतना खुश था कि अपने आप को संभाल नहीं पा रहा था।
 मेरे पैर अकड़ने लगे और मेरे होंठ सूखने लगे।

 जीजू ने वर्जिन साली की चूत चाटने का आनंद लिया और अपनी जीभ उसके अंदर डाल दी।
 मैं जीजू से लिपट गया जब मुझे अजीब फीलिंग हुई।

 जीजू ने उठकर मेरा हाथ अपने लंड पर रखा।
 मैं जोर से उनका लंड मसलना शुरू कर दिया।

 जीजू ने मुझसे कहा कि मैं घुटनों के बल बैठ जाऊँ।
 “मेरा ट्राउज़र नीचे करो,” उन्होंने कहा जब मैं बैठा। जब मैंने ऐसा किया, तो उनका लंड मेरे मुँह पर गिर पड़ा।

 “मुँह में लो,” उन्होंने कहा। मैं भी खुश था।
 मैं गप से उनका लंड मुँह में ले लेता था, लेकिन पूरा नहीं जा रहा था।

 लंड 7 इंच लंबा था और 3 सेमी चौड़ा था।
 मेरे मुँह बहुत छोटा है।  वह धीरे-धीरे पूरा लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगी।

 जीजू ने मेरे बाल पकड़ लिया और मुँह में लंड डालने लगे।

 थोड़ी देर में लिक्विड उनके लंड से निकल गया।
 यह एक अजीब टेस्ट था, लेकिन जीजू ने अपने मुँह से लंड नहीं निकाला।

 मैं पूरा रस पी गया।

 बाद में वर्जिन साली की चूत की पूरी कहानी बताऊँगा।
 आप सभी टिप्पणी करके मेरी कहानी पर आपका क्या विचार है?

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