मेरे ब्वॉयफ्रेंड से बहन और अम्मी भी चुदीं
मैंने अपनी क्लास के एक बुद्धिमान लड़के से गंभीर सेक्स का मजा लिया। फोन सेक्स से शुरू करके हम सामान्य सेक्स तक पहुंच गए थे, इसलिए हमें पूरी चुदाई का आनंद लेना बाकी था।
इस कहानी सुनिए।
नमस्कार दोस्तो, मैं शहनाज़ हूँ और आज मैं अपनी यौन कहानी का अगला भाग आपके सामने लाया हूँ।
अब तक, मैंने कहानी के पहले भाग में कुणाल और मैंने कॉलेज के बुद्धिमान लड़के को अपना प्रेमी बनाया था। हमने बारिश में एक दूसरे को गर्म करके शांत किया।
हमारी बातें अब सेक्स पर भी होने लगी हैं, लेकिन बस बातें थीं।
हमारे स्कूल में बायोलॉजी का कोई विद्यार्थी नहीं था, इसलिए ये विषय बंद हो गया।
Bio lab पूरी तरह खाली थी और कोई वहाँ नहीं जाता था।
इसलिए वही हमारा प्यार भरा मिलन था।
हम दोनों बहुत प्यार करते थे।
वह मेरी चूत चाटता, मेरे बूब्स चूसता और मुझे शांत करता था।
अब कठोर यौन संबंध अपने प्रेमी से:
मेरे मामू के बेटे को एक दुर्घटना हुई।
लेकिन वह बहुत ज़्यादा घायल नहीं था, इसलिए वह अस्पताल में भर्ती हुआ।
उसे हर कोई देखने जा रहा था।
मैंने अम्मी को बताया कि मेरे एग्ज़ाम नज़दीक हैं और मुझे भी काम पूरा करना है।
मेरी आपा मुमताज ने भी मेरा साथ दिया, इसलिए मैं नहीं गया।
सुबह सब निकल गए।
मैंने कुणाल को तुरंत घर बुला लिया और कहा कि हमें काम पूरा करना है।
वह जानती थी कि मैं किस काम की बात कर रही हूँ।
अम्मी-अब्बू चले गए तो मैं नहाकर तैयार हो गया।
मैं तैयार बैठी थी, चाँदनी रंग का लहंगा, थोड़ा मेकअप और पर्पल नेल पॉलिश पहने हुए।
ढाई बजे कुणाल घर पहुंचा।
वह मुझे देखता ही रह गया जब मैंने दरवाजा खोला।
मैंने हंसते हुए पूछा: बाहर ही खड़े रहोगे क्या?
मुझे नहीं मालूम था कि कोई दुल्हन मेरा इंतज़ार कर रही है, कहते हुए कुणाल ने मेरा हाथ पकड़ा।
यह कहते हुए मैंने हंसते हुए कहा: "तो क्या?" आज बारात लेकर आते हैं?
सुहाग की सेज़ लाता, उसने कहा, मेरे माथे पर चूमते हुए।
हम दोनों एक-दूसरे की बांहों में समा गए।
फिर मैंने पूछा कि क्या आप कुछ नाश्ता करेंगे?
नाश्ता करने का समय है क्या? कुणाल ने मेरी उंगली दबाते हुए पूछा।
हम सब हंस पड़े।
मैं उसे दूसरी मंजिल पर अपने कमरे में ले गया।
वहां हम एक-दूसरे को चुंबन देने लगे।
वह मेरे होंठ चूसते हुए मेरी पीठ सहलाते हुए नीचे मेरी गांड दबाने लगा।
हम एक दूसरे की जीभ चूस रहे थे।
तब उसने मेरा ब्लाउज़ उतारा और मुझे पूरी तरह से नंगा कर दिया।
वह मेरे स्तनों को पीने लगा और एक को मसल रहा था।
वह मेरे स्तनों को ऐसे चूसता था जैसे एक छोटा बच्चा दूध पीता है।
मैं भी उसके सिर को सहला रही थी और उसका साथ दे रही थी।
उसके चूसने और चूमने से मेरी चूत पानी से भर गई।
ये मेरे लिए एक पूरी तरह से नया अनुभव था।
मेरी चड्डी और लहंगा अचानक उतार दी गईं।
उसने कुछ समझने से पहले ही मेरी चूत में अपनी उंगली डाल दी और चोदने लगी।
मेरी चूत से फव्वारा-सा बहने लगा और मैं मदभरी सिसकारियां करने लगा।
कुछ देर बाद वह मेरी चूत को चाटने लगा।
वह कभी-कभी दांतों को गड़ा देता, तो कभी-कभी जीभ को अंदर तक घुसा देता।
जैसे ही मैं सातवें आसमान पर थी, मैं उसके मुँह में गिर पड़ी।
फिर वह मेरे बूब्स पीने लगा।
मैं उसे अपने सीने से लगाकर उसे दूध पिलाने लगी, जैसे वह एक छोटा बच्चा हो।
वह मेरे निप्पलों को भी चूस रहा था।
मैं भी धीरे-धीरे उसके लंड को सहला रहा था।
कुणाल खुद मेरे ऊपर आ गया और मुझे सीधा लिटा दिया।
वह मुझे चूम रहा था और अपना लंड मेरी चूत पर था।
उसका टोपा अचानक मेरी चूत में घुस गया।
उसने मेरे होंठ दबा दिए, मैं चीखने वाली थी।
वह लंड को धीरे-धीरे अन्दर-बाहर करने लगा।
उसने मुझे शांत देखते ही आधा लंड दिया।
मैं जोर से चिल्लाया।
मेरी झिल्ली उसके लंड से फाड़ गई।
मेरे आंसू बहने लगे।
वह मेरे बूब्स को दबाने लगी और मुझे चूमने लगी।
मैं इतना ज़ोर से चिल्ला रहा था कि आह..। ओह..। अम्मी..। उई..। मर गई..। मैं मैं वाह!
वह बिना रुके मुझे चोद रहा था, जबकि मेरी चूत से खून बह रहा था।
मेरी बच्चेदानी सीधे उसके लंड पर थी।
अब मैं भी उसका साथ देने लगा, जो मुझे बहुत अच्छा लगा। येस..। आह..। मैं हार्ड..। आह..। जानू..। आह..। और जोर से..। आज से ये चूत आपकी है..। पूरी तरह से खोलो इसे..। आह... बहुत जल्दी..। और मुझे चोदना..। वाह!
फिर मुझे कुतिया की तरह चोदा।
वह लगभग २०-२५ मिनट चोदने के बाद झड़ गया।
इस बीच मैं भी दो बार झड़ गया।
फिर कुणाल बिना कपड़े के बाहर हॉल में आकर सोफे पर बैठ गया।
मैं भी कुछ देर बाद पहुंचा।
थोड़ी देर बाद मैं फिर से उसका लंड चूसने लगा।
वह शांत हो गया।
सिर्फ "आह... ओह..." उसके मुँह से निकला मेरी आत्मा..। आह, चूस लो इसे..। “आह,” उन्होंने कहा, मेरे बाल सहलाते हुए।
मैंने लगभग बीस मिनट तक उसके लिंग को चाटा और चूसा।
उसने मुझे अपनी गोद में लेकर चुंबन देना शुरू किया। मैं भी मदहोश हो गया था।
वह मेरे गालों को सहलाते हुए कहा, "जान, मुझे भी तुम्हारी गांड चाहिए।"
मैं पहले सोचकर हां कहा।
क्योंकि मैं अब उससे बहुत प्यार करने लगी थी और उसके लिए कुछ भी करने को तैयार थी।
इसके बाद वह खुश होकर मुझे चूमने लगी, फिर मुझे सोफे पर झुकाकर खड़ा कर दी।
मेरे हाथों को सोफे से बांध दिया और मुँह में कपड़ा ठूंस दिया, वहाँ मेरी चुनरी थी।
वह घर से तेल लेकर मेरी गांड में लगाने लगा।
उसने अपने लंड और मेरी गांड पर तेल लगाया।
तेल और थूक से चिकना होने के कारण उसका लंड मेरी गांड में धंसने लगा।
मुझे बहुत दर्द हो रहा था, लेकिन मुँह में कपड़ा था, इसलिए मैं कुछ नहीं बोल सकी।
मेरी गांड उसने कसकर फाड़ दी। मेरी गांड से भी खून बहने लगा।
उसने मेरी गांड को साफ किया और अपना लंड बाहर निकाला।
फिर उसने कपड़ा निकालकर मेरी गांड में फिर से अपना लंड डालकर चोदने लगा।
इस बार मैं भी अपनी गांड उछाल उछाल कर उसका साथ देने लगी।
मेरे प्रेमी ने मुझसे लगभग आधा घंटे तक कठोर सेक्स किया, जिसमें उसने मेरी गांड मारी और कई चांटे भी जड़े, जिससे मेरी गांड दोनों ओर से लाल हो गई।
मेरी स्थिति इतनी खराब हो गई कि मैं चल भी नहीं पा रहा था।
मैं कुणाल की गोद में उठकर कमरे में गया।
वहाँ हम नंगे ही एक-दूसरे की बांहों में सो गए।
आठ बजे सुबह मैं उठकर देखा कि कुणाल अभी भी सो रहा था।
आपा ने मेरे फोन पर चार मिस्ड कॉल भेजे।
जब मैं फोन करके पूछा तो आपा ने कहा कि मैं कहां था?
मुझे पता नहीं चला क्योंकि मुझे बताया गया था कि फोन साइलेंट था।
फिर खाने के बारे में पूछा और फोन बंद कर दिया।
मैंने खुश होकर दोनों के लिए खाना बनाया और खाया।
हम दोनों कपड़े नहीं पहनकर बैठकर टीवी देख रहे थे।
रात साढ़े दस बजे से फिर से चुदाई शुरू हुई।
उस रात कुणाल ने मेरी गांड और चूत को जमकर पीटा।
वह अगली सुबह घर चला गया।
मेरी हालत इतनी खराब हो गई कि मैं अगले दो दिनों तक कॉलेज नहीं जा सकी।
कुणाल ने अपना अध्ययन करने के लिए भी एक अलग कमरा चुना था।
क्योंकि उसके पिता सेना में थे, इसलिए उनके आगमन पर पार्टी या बहुत से लोग उनसे मिलने आते थे, जो उसे पढ़ाई में बाधा डालते थे।
अब हमें हर दिन मिलना होगा, कभी क्लास में तो कभी बायो लैब में।
कुणाल मुझे हर बार उसी कमरे में ले जाकर घंटों तक पेलता।
मैंने उसे एक बार घर बुलाकर अपने परिवार से मिलवाया।
वह मेरे अब्बू पर बहुत प्रभाव डाला।
एक दिन वह मुझे भी अपने घर ले गया।
मुझे पहले से ही पता था कि उसकी मां बहुत अच्छी थीं।
मैं भी उनसे मिलकर बहुत खुश था।
मैंने आपा को एक दिन कॉलेज में देखा जब हमारा मिलना चल रहा था।
वह वहां अक्सर अपने पुराने दोस्तों या शिक्षकों से मिलती थी, लेकिन आज वह बायो लैब की ओर जा रही थीं।
मैं भी उनके पीछे चलने लगी, लेकिन मेरे कुछ दोस्त आ गए, इसलिए मैं नहीं जा सकी।
आपा अभी भी घर नहीं आईं।
मुझसे थोड़ी देर बाद वे आए।
आपा इतनी देर बाहर नहीं रहने से मुझे कुछ संदेह हुआ।
जब उन्होंने अपना बुर्का उतारा, उनके कुर्ते और सलवार ऐसे खराब हो गए कि लगता था कि किसी ने उन्हें बुरी तरह मसल दिया है।
उस दिन मैंने उनसे कुछ नहीं पूछा।
अब वे हर दिन इसी तरह जाने लगीं।
मैंने सोचा कि वे किसी से परेशान हैं। लेकिन वह कौन था पता लगाना बाकी था।
एक रात मैंने उसे किसी से चैट करते देखा।
रात में मैंने उनका फोन चेक किया तो किसी से बहुत ही हॉट और सेक्सी बातें हो रही थीं।
मैंने देखा कि नंबर को "जालिम" नाम से सुरक्षित रखा गया था।
अब आपा उससे चुदने के लिए तड़प रही थीं।
मैं भी बेचैन था कि वह जालिम कौन था।
अगले दिन मैं कॉलेज जाने के लिए तैयार हुआ और अपने पिता से कहा कि आज मुझे कॉलेज से बाहर कुछ काम है, इसलिए मैं पहले बाहर का काम खत्म करूँगा, फिर यदि समय मिला तो कॉलेज जाऊंगा, नहीं तो मैं सीधे घर जाऊंगा।
ओके, आपा ने कहा और अपने फोन लेकर कमरे में चली गईं।
मैं समझ गया कि आपा ने अपने प्रेमी को फोन किया है।
मैं काम के बहाने से सीधे कॉलेज गया और बायो लैब में बैठ गया।
आज भी मैंने अपने प्रेमी को कुछ नहीं बताया।
मैंने समझा कि कुणाल बेवकूफ है जब मैं कुछ आधा घंटे बाद उसके आपा की खिलखिलाने की आवाज सुनने लगा।
मैं पहले इधर से चली जाना चाहता था, लेकिन जब वे दोनों पास आ गए, मैं चुपचाप बैठा रहा।
Biolab में पहुंचते ही आपा ने अपने बुर्के को उतारा और कुणाल के सीने से लगा।
मैं हैरान था।
तुरंत बाद, बिना अपने पूरे कपड़े उतारे, कुणाल ने मेरी आपा को चोदना शुरू कर दिया और लगभग २० मिनट में वे दोनों फारिग हो गए।
जबकि कुणाल शांत था, मैंने देखा कि आपा कुणाल से चुदवा कर काफी खुश नजर आ रही थीं।
अगले भाग में हमारी शादी की कहानी बताउंगी।
तब तक के लिए, प्यारे!
मुझे अपने मेल और कमेंट्स से अवगत कराएं कि आप मेरी हार्ड सेक्स विद बॉयफ्रेंड कहानी को कैसा लगता है।
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