बचपन का प्यार पड़ोसन कुंवारी लड़की की चुदाई

Dec 15, 2025 - 15:53
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बचपन का प्यार पड़ोसन कुंवारी लड़की की चुदाई

मेरे पड़ोस में रहने वाली एक कुंवारी लड़की ने मुझे पूरी तरह से सेक्स किया।  हम दोनों पुराने दोस्त थे।  एक दिन वह अपने कमरे में चूत में उंगली कर रही थी।

 दोस्तो, मेरा नाम मनोज है और मैं गंगानगर, राजस्थान का रहने वाला हूँ।

 मैं आपको बताता हूँ।
 मुझे सब मनु कहते हैं।
 मैं एक सामान्य परिवार से हूँ, 25 साल का हूँ और 5 फुट 8 इंच का हूँ।

 पिछले सात वर्षों से मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ।

 यह मेरा पहला सेक्स स्टोरी है।  उम्मीद है यह आपको अच्छा लगेगा।

 यह पूरी तरह से सेक्सी पड़ोसन कहानी मेरी और मेरे पड़ोसियों की प्रशंसा करती है।
 पूजा 23 साल की है, सवा पाँच फीट की है और 34-30-36 साइज की है।

 हमारे परिवार आपस में अच्छी तरह से मिलते हैं।
 हर दिन मैं उनके घर जाता हूँ।

 पूजा के घर में उसका छोटा भाई अर्जुन और छोटी बहन अंकिता हैं।

 स्कूल में रहते हुए मैं उनके घर आता-जाता रहता था।
 उस समय मुझे पता चला कि पूजा मुझे पसंद करती थी और मैं भी।

 क्योंकि हम दोनों ने कभी कुछ नहीं कहा, इसलिए कुछ नहीं हुआ।

 यह 2018 की बात है, जब मैं गांव आया था, जब मेरे बीए फाइनल पेपर खत्म हो चुके थे।
 यहाँ भी पूजा के बीए पहले वर्ष के पेपर हुए।

 ग्रीष्मकालीन दिनों में उसका छोटा भाई अपनी माँ के साथ अपने नाना के पास गया।

 पूजा, अंकिता, उनके पापा और दादा-दादी ही घर में रह गए।

 उसके पापा की दुकान थी, इसलिए वे अधिकांश समय बाहर रहते थे।

 एक दिन मैं उनके घर घूमने गया।
 मैंने आवाज़ उठाई।
 लेकिन सभी सो रहे थे।
 गर्मी के कारण उन्हें कूलर की आवाज सुनाई नहीं दी।

 इसलिए मैं सीधे घर में घुस गया।

 मैंने देखा कि पूजा नहीं थी, लेकिन अंकिता पढ़ रही थी।
 मैं अंकिता से पूजा कहां है?
 तो उसने कहा, "दीदी छत वाले कमरे में है।"

 मैं मंदिर गया।

 मैं ऊपर जाकर पूजा करने लगा।
 पर उसने कोई उत्तर नहीं दिया।

 मैंने सोचा कि शायद कूलर चालू करके सो गया था।

 मैं सीढ़ियों से वापस नीचे उतरने लगा।
 मेरे मन में एक बार उसे देखने का विचार आया।

 मैं दबे पांव उसके कमरे की ओर बढ़ा।
 जब मैंने उसके कमरे का दरवाज़ा थोड़ा खोलकर देखा, मैंने पहले कुछ नहीं समझा।

 पर जब मैं इसे समझ गया, मेरी धड़कन बढ़ गई और मैं पसीने से भीग गया।

 मैंने देखा कि पूजा, जिसे मैं सीधी-सादी समझता था, कान में इयरफोन डालकर एक हाथ से अपनी चूत में उंगली करते हुए सेक्स वीडियो देख रही थी।

 कुछ समय तक मैं उसे देखता रहा।
 वह गिरने वाली थी जब वह उंगली करने लगी।

 तब मेरा हाथ फिसल गया और दरवाज़ा एक तरफ से पूरा खुला।
 मैं गिरने से बच गया।

 अचानक इतना होने से पूजा का ध्यान दरवाजे की ओर गया और मैंने उसे देखा।

 मैं पूजा को देखते ही उसका चेहरा सफेद हो गया।
 उसने फोन छोड़ते ही अपनी पैंटी और सलवार पहनने लगी।

 तब तक मैं संभला और पकड़े जाने पर कमरे में चला गया।

 उसके पास मैं बैठ गया।

 पूजा और मैं अब एक-दूसरे को देख रहे थे और कुछ नहीं बोल रहे थे।

 मैंने कुछ देर बाद उसकी परेशानियों को दूर करने के लिए नॉर्मल भाषा बोलना शुरू किया, जिससे पूजा थोड़ा सामान्य हो गई।
 लेकिन वह अभी भी शर्मिंदा रहती थी।

 थोड़ी देर बाद, उन्होंने कहा, "सॉरी..।"  तुम आज जो कुछ देखा है, किसी को मत बताना, कृपया।
 मैंने कहा कि सॉरी की कोई बात नहीं, क्योंकि यह एक अवसर था।  आजकल सभी ऐसा करते हैं, मैं भी।

 मैंने ऐसा कहा तो उसने मेरी ओर देखा, फिर थोड़ा मुस्कुराकर सामान्य हो गई।

 उस घटना के बाद, हम दोनों पूरी तरह से एक-दूसरे से खुल गए और अपने सारे गुप्त बातों को साझा करने लगे।
 हम एक-दूसरे से प्यार करने लगे और रोज़ मिलने लगे।

 हम एक दूसरे का पानी निकलने तक हर रात 12 बजे तक चैट करते रहते थे।
 कई दिन बीत गए।

 हमने एक दिन असली जगह पर सेक्स करने का निश्चय किया।

 उसने भी अपनी झांटें साफ कीं।
 अब हम बस एक सुरक्षित मौके की तलाश में थे।

 शायद ऊपरवाला हमें सुनता था।
 उस दिन अंकिता ने भी जिद करके अपनी माँ को साथ ले जाने का फैसला किया, जब पूजा के पापा उसे लाने जा रहे थे।

 अब पूजा और उसके दादा-दादी ही रहते थे।
 हमें पूरा अवसर मिला क्योंकि वे लोग दो दिन बाद आने वाले थे।

 पूजा के पिता और बहन उस दिन गांव चले गए।
 घर में पूजा और उसकी दादी ही थीं, जबकि दादाजी दुकान पर थे।

 दोपहर बारह बजे थे।
 मैं उनके घर पहुंचा।

 मैं सीधे अंदर गया और उसकी दादी सो रही थीं।

 उन्हें सांस की समस्या के कारण दवा लेनी पड़ी।
 वे सीढ़ियां नहीं चढ़ सकती थीं और अधिक काम भी नहीं कर सकती थीं।
 इसलिए आज हमें एक बेहतरीन अवसर मिला।

 मैं छत पर बने पूजा कमरे में सीधे गया।

 वह भागकर मुझे जोर-जोर से किस करने लगी जैसे ही मुझे देखा।

 फिर दबे पांव सीढ़ियों का दरवाज़ा बंद करके आई और मुझसे लिपट गई।

 हम सीधे एक-दूसरे को चूमने-चाटने लगे, बात नहीं कर रहे थे।

 धीरे-धीरे हम दोनों कपड़े उतारने लगे।

 मैंने देखा कि पूजा का पूरी तरह से सफेद बदन बहुत सुंदर था।
 उसके बड़े-बड़े बूब्स को देखकर मेरे मुँह में पानी आ गया।

 मैं उसके दोनों बूब्स को मसलने और चूसने लगा।

 उसने मेरी चड्डी में एक हाथ डालकर मेरे लंड को पकड़ लिया।
 दोस्तों, मैं आपसे क्या कहूँ?  जैसे ही उसका हाथ मेरे लंड पर लगा, मैं हवा में तैर रहा था।

 वह मेरे लिंग को धीरे-धीरे हिलाने लगी।
 मैं उसकी पैंटी और सलवार भी उतार कर उसकी चूत में उंगली डालने लगा।

 तब वह खुद ज़मीन पर बैठ गई और मुझे सोफे पर धक्का देकर गिरा दी।
 उसने एक झटके में मेरी चड्डी उतार दी और खुद भी पूरी तरह नंगी हो गई।

 वह आंखें फाड़कर मेरे लंड को देखने लगी।
 6.5 इंच लंबा और 3 इंच मोटा मेरा लंड है।

 पहली बार मैंने किसी लड़की की चूत देखी।

 उसकी सुंदर चूत थी..।  गुलाबी और पूरी तरह से भीगी हुई

 मैं बस उसकी चूत को देख रहा था कि वह अचानक मेरे लंड को हाथ में लेकर उसका टोपा निकालकर पूरा मुँह में उसे चूसने लगी।

 डर के कारण मेरी आंखें ही बंद हो गईं।  मैं बहुत खुश था।
 उसके बूब्स को मैं दबा रहा था।

 वह खड़ी होकर बेड पर टांगें चौड़ी करके कुछ देर लंड चूसती रही।

 जब मैंने उसकी चूत को देखा, मैं सीधे उसकी चूत चूसने लगा।

 दोस्तो, मैंने अब तक आठ लड़कियों की चूत चुदाई की है..।  लेकिन आज भी पूजा की चूत का महक और स्वाद मेरे पसंदीदा हैं।

 मैं उसकी चूत को 15 मिनट तक चूसता रहा और बीच-बीच में उसके बूब्स को दबाता रहा।

 अब पूजा ने मुझे अपने ऊपर खींचने लगी।

 उसने अपनी चूत पर लंड रगड़ना शुरू कर दिया।
 मैंने सोचा कि चुदाई अब की जा सकती है।

 मैंने अपने लंड पर कंडोम लगाने की कोशिश की, लेकिन पूजा ने कहा कि वह तेरा पानी अपनी चूत में लेना चाहती है और मैं पहली बार बिना कंडोम के करना चाहती हूँ।

 लंड को जड़ तक भिगोने के लिए मैंने पास में ही ड्रेसिंग टेबल पर तेल उठाया।

 फिर हाथ में तेल लेकर पूजा की चूत चिकनी करने लगी।
 उसकी चूत में तेल डालकर दो उंगलियों को जड़ तक डाल दिया।

 अब मैंने उसकी टांगें पूरी चौड़ी कर लंड को उसकी चूत के छेद पर रखा और तकिया उसकी गांड के नीचे लगाया।

 मैं उसकी चूत में मेरा टोपा डाल दिया।

 मैंने देखा कि पूजा का चेहरा पूरी तरह से लाल हो गया था।
 मैंने फिर एक धक्का दिया, जिससे आधा लंड उसकी चूत में चला गया।

 वह अब दर्द सहन नहीं कर सकी और रोने लगी।
 उसके आंसू बहने लगे।

 जब मैंने उसे चुप कराया और नीचे देखा, तो मैंने देखा कि उसकी चूत खुश हो रही थी।

 मैंने फिर से उसके बूब्स चूसकर उसे शांत किया।
 इस बार मेरा पूरा लंड उसकी चूत में जड़ तक घुस गया।

 वह बहुत रोने लगी।
 कूलर पूजा कमरे में चल रहा था, इसलिए किसी ने सुना नहीं।

 नीचे दादी भी कूलर चलाती थी।

 मैं अब पूजा को चोदने की गति बढ़ा रहा था।
 अब पूजा भी खुश होने लगी और साथ देने लगी।

 अब घोड़ी बनने को कहकर मैंने पीछे से उसे चोदने लगा।

 दस मिनट तक चोदने के बाद पूजा ने मुझे कसकर पकड़ लिया और चीखते हुए गिर पड़ी।
 मेरा अभी नहीं हुआ था, इसलिए मैं भी तेजी से चिल्लाने लगा।

 थोड़ी देर बाद मैं पूजा की चूत में झड़ गया।

 झड़ने के बाद पूजा और मैं थोड़ी देर एक-दूसरे को किस करते रहे।
 मैं पूजा की चूत धोने के बाद उठा।

 मैं नीचे चला गया और धीरे-धीरे देखा।
 तो दादी अभी भी गहरी नींद में थीं।

 मैं दबे पांव फ्रिज से कुछ कोल्डड्रिंक और बर्फ निकालकर वापस ऊपर आ गया।

 हम सोफे पर एक-दूसरे के लंड और चूत से खेलने लगे, जब मैंने पूजा की चूत की बर्फ से सिकाई की।

 इसके बाद हमने फिर से दो बार चुदाई की।  मैं फिर घर आ गया।

 उसके पिता दो दिनों तक नहीं आए।
 इसलिए हमने लगभग दसवीं बार चुदाई की।

 उसके बाद भी मैंने बहुत बार पूजा की।
 भी उसकी गांड मारी।

 मैंने उसे नीचे आंगन, टॉयलेट, बाथरूम और हर जगह चोदा।

 हम दोनों अलग-अलग शादी कर चुके हैं, लेकिन हम अब भी चुदाई करते हैं।

 पूजा के बाद मैंने पूजा की बुआ की लड़की और उसकी बहन अंकिता को चोदा।
 कभी फिर बताऊंगा।

 आपको पूरी तरह से सेक्सी पड़ोसन कहानी कैसी लगी?

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