साथ वाली कामुक पंजाबन टीचर की चुदाई

Dec 12, 2025 - 13:43
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साथ वाली कामुक पंजाबन टीचर की चुदाई

हॉट पंजाबी Xxx कहानी में, मैं एक स्कूल में काम करने के दौरान एक शिक्षक से प्यार होने लगा।  मैंने भी मौके का फायदा उठाया और उससे दोस्ती बढ़ा दी, जो अंततः चुदाई में बदल गई।

 तुम सब अच्छे हो, मैं उम्मीद करता हूँ।
 मैं, आपका दोस्त बाबा सैम, आपको एक नई कहानी बताने आया हूँ।


 जिन दोस्तों ने मेरी पहली कहानी "चालू लड़की ने मेरे लंड को बहुत मजा दिया" पढ़ी है, वे जानते हैं कि मैं हरियाणा के भिवानी जिले में रहता हूँ और एक MNC कंपनी में काम करता हूँ।
 मेरी उम्र ३० वर्ष है, मेरा कद ५ फुट ७ इंच है और मेरा हथियार ६.५ इंच का है।

 ये हॉट पंजाबी Xxx कहानी 2013 में हुई है, जब मैं कॉलेज के अंतिम वर्ष में था।

 उस समय मैं काम से एक फोटो स्टेट स्टोर में गया था।
 वहाँ पर एक पत्र था, जिसमें पास ही के गाँव में मैथ और साइंस के शिक्षक के लिए एक नौकरी का प्रस्ताव था।

 मैं वहाँ के प्रिंसिपल से संपर्क करने के लिए चला गया।

 मैंने इंटरव्यू में चयनित होने के बाद अप्रैल में वहाँ ज्वाइन कर लिया।

 जैसा कि आप जानते होंगे, घर-घर जाकर लोगों को अपने बच्चों को स्थानीय प्राइवेट स्कूल में दाखिला देने के लिए कहा जाता था।

 पास के गाँव में इसी काम के लिए हमारा तीन या चार शिक्षकों का समूह गया था।

 स्वीटू और तनु मेरे टीचर थे।
 दोनों शिक्षक पंजाब की लड़कियाँ थीं।
 स्वीटू और तनु एक साल छोटे थे।

 जैसा कि आप जानते हैं, पंजाब की लड़कियाँ बहुत सुंदर होती हैं।

 मैं स्वीटू के साथ हर जगह रहता।
 तनु को पता चला कि मुझे स्वीटू बहुत पसंद है।

 स्कूल में वापस आने के बाद, तनु हर बार मुझे स्वीटू का नाम लेकर छेड़ती थी।
 स्वीटू घरवालों के डर से मुझे भाव नहीं देती थी।

 हम सब अपने-अपने कामों में व्यस्त हो गए जब बच्चों का एडमिशन हुआ और अच्छी तरह से क्लासेस लगने लगीं।

 स्वीटू छठी से दसवीं तक विद्यार्थियों को अंग्रेजी पढ़ाती थी, जबकि मैं छठी से दसवीं तक विद्यार्थियों को मैथ और विज्ञान पढ़ाता था।
 तनु वहीं बचपन से दूसरी कक्षा तक बच्चों को पढ़ाती थी।

 जब मैं बच्चों को पढ़ा रहा था, तो मैं स्वीटू की क्लास को छुप-छुपकर देखता था।

 मेरी क्लास में तनु और मैं अकेले थे।
 मेरी स्थिति देखकर तनु हँसती रहती थी और मुझे बहुत अच्छा लगा।

 स्वीटू बहुत साधारण लड़की थी, लेकिन फिटिंग के सलवार सूट पहनती थी।
 हाथों में रंग-बिरंगी नेल पेंट और होठों पर लिपस्टिक लगाती थी।
 वह बहुत कामुक लगती थी।

 स्कूल में मैं एक सख्त शिक्षक था, जिससे कुछ विद्यार्थी मेरी तरफ आकर्षित हुए।
 अनु और जिज्ञासा मेरी तरफ कुछ अधिक आकर्षित थीं।

 सातवीं कक्षा में रहते हुए दोनों छात्राएँ खिड़की से मुझे देखती रहती थीं।

 तो दोस्तो, अनु और जिज्ञासा की कहानी मेरे अगले लेख में होगी।
 हम अपनी प्यारी शिक्षिका तनु पर अभी चर्चा करेंगे।

 मैंने स्वीटू को नियंत्रण में नहीं पाते देखकर तनु पर लाइन मारनी शुरू कर दी।

 Tanu एक तेज लड़की थी।
 मेरी सख्ती और ड्रेसिंग सेंस की वजह से वह पहले से ही मुझ पर आकर्षित थी, और मुझे बस थोड़ी मेहनत करनी पड़ी।

 मैं तनु की बगल में पढ़ा रहा था, इसलिए मैं बीच-बीच में उसकी क्लास में जाकर उससे हँसी-मज़ाक करता था।

 जब मैं चॉक, डस्टर या डंडा लेने के बहाने उसके सुखदायक हाथों को छूता था, तो वह हल्के से मुस्कुराती थी।

 एक दिन, मैंने तनु से उसका फोन नंबर मांगा।

 “क्या बात, सैम जी! जब शाम को हमारी चर्चा हुई, तो तनु ने कहा,  स्वीटू के दीवाने को हमारे नंबर कहाँ चाहिए था? “हम तो दीवाने आपके हैं, पर डर के मारे कभी आपको कह नहीं पाए!  मैं स्वीटू को बुरा नहीं देखता क्योंकि वह एक साधारण लड़की है। ”

 ऐसे ही हमारी दैनिक बातचीत होने लगी।
 मैंने तनु को उसकी पहली प्रेमिका के बारे में बताया और वह भी मुझे बताया।

 “कल मुझे कॉलेज जाना है,” तनु ने एक दिन कहा। मैंने कहा, "ठीक है!"  मैं भी कल छुट्टी पर हूँ, इसलिए मैं तुम्हें बस स्टैंड से लेकर कॉलेज छोड़ दूँगा। ”

 “मैं तुम्हारे साथ जाऊँगी, तो गाँव वाला कोई मुझे तुम्हारे साथ देखकर बातें बनाएगा!” तनु ने कहा। ”

 थोड़ी ना-नुकुर के बाद मैंने उसे समझाया और वह मान गई।

 सुबह मैं तनु को उसके कॉलेज में छोड़कर अपने दोस्त की बाइक पर चला गया।

 जब शाम को तनु का फोन आया, तो मैं उसे कॉलेज ले गया।
 वहाँ से वापस आते समय मैंने तनु को किसी कैफे में चलकर कुछ खाने का अनुरोध किया।

 तनु ने सबसे पहले मना कर दिया।
 पर मेरी जानकारी के अनुसार, पंजाब की लड़कियों को फास्ट फूड खाना अच्छा लगता है।
 मैंने उस पर जोर दिया तो वह मान गई।

 हम एक कैफे में गए जहां बैठने के लिए प्लाई के केबिन थे।

 हम दोनों ने वहाँ खाने का ऑर्डर दिया।

 बात करते-करते मैंने तनु का हाथ पकड़ लिया।
 मेरा हौसला और बढ़ा जब तनु ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

 बात करते-करते मैंने तनु को एक हल्की सी किस दी।
 तनु ने शर्म से मुँह नीचे कर लिया।

 मेरा मन तनु को किस करने का होने लगा जब मैंने उसके गालों पर शर्म से आई लाली देखा।
 वह भी मुझे सहज महसूस कर रही थी।

 मैंने उसे अपनी ओर खींचा और उसे अपनी बाहों में भर लिया।

 थोड़ी देर गले लगे रहने के बाद मैंने तनु की आँखों और माथे पर किस करके उसके होठों को चूमने लगा।

 हम दूर-दूर होकर बैठ गए जब वेटर आया।

 फिर खाना खत्म होने पर मैं तनु को उसके गाँव की बस में बैठाकर दोस्त को दुकान पर बाइक देने वापस चला गया।

 उस दिन पहली बार मैं रात के दो बजे तक तनु से बातचीत की।
 रात 3:00 बजे तक हम दिन भर के रोमांटिक अनुभवों को सोचकर उत्साहित रहे।

 दो या तीन दिन तक लगातार ऐसी ही बातचीत करने के बाद मैंने तनु से कहा कि वह अकेले में मिल जाएगी।
 पर सेफ जगह नहीं होने के कारण तनु मना करती रही।

 फिर मैंने तनु को अपने दोस्त की दुकान में मिलने का निमंत्रण दिया।
 “हम दुकान में पीछे बने केबिन में आराम से मिल सकते हैं और किसी तरह की कोई परेशानी भी नहीं होगी, ना ही किसी का डर होगा!” मैंने तनु को बताया। ”

 थोड़ी झिझक के बाद तनु ने संडे को आने का फैसला किया।
 मैंने तनु को दुकान का स्थान बताया।

 रविवार को वह दुकान पर नहीं आया था, इसलिए मैंने अपने दोस्त से दुकान की चाबी ले ली।

 मैं तनु को देखते रह गया।

 उसने जूतियों के साथ पीला पटियाला सूट और सलवार पहनी हुई थी।

 तनु इन कपड़ों में बेवकूफ लग रही थी।

 तनु को मैंने अंदर केबिन में भेजा।

 दो-तीन मिनट इधर-उधर देखकर मैं पास की दुकान से चिप्स और ठंडे ड्रिंक ले आया. फिर मैंने दुकान का दरवाज़ा बंद कर दिया और केबिन में चला गया।

 तनु ने चिप्स और ठंडे ड्रिंक को खाने से मना कर दिया क्योंकि उसे कुछ खाने का मन नहीं था।

 मैं खाने-पीने की चीजों को अलग रखकर तनु के गले लग गया।

 तनु को परफ्यूम की कामुक सुगंध आ रही थी।

 मैं उसके गले पर किस करने लगा और हल्के-हल्के से अपनी जीभ उसके गले पर फिराने लगा, जिससे वह खुश हो जाता था।

 तनु का रंग पूरी तरह गोरा था, उसका वजन पांच फुट एक इंच था और उसके पतले-पतले होंठ लाल लिपस्टिक से और भी खूबसूरत लग रहे थे।
 उसके शरीर का आकार 32-28-32 था।

 मैं तनु के गालों पर किस करने लगा, उसके गले पर जीभ फिराते हुए।

 फिर मैंने तनु के होठों को अपने होठों में दबा लिया और उन्हें अपने मुँह में भरकर चूसने लगा, जो बहुत खतरनाक था।

 बाद में तनु भी मेरा साथ देने लगी।
 वह मेरे होठों को चूसने लगी, हाथ मेरी कमर में फिराते हुए।
 मेरा ऊपर वाला होंठ कभी उसके मुँह में होता, तो कभी मेरे मुँह में होता।

 लंबे समय तक ऐसा करने के बाद, मैंने तनु को नीचे कालीन पर लिटा दिया और उसके ऊपर लेटकर उसके होठों, गालों, गर्दन और आँखों पर चूमने लगा।

 फिर मैं तनु की ओर लेट गया और उसे चूमता रहा।

 मैंने उसके कमीज को ऊपर किया और उसके पेट पर उंगली चलाने लगा।
 तनु उत्साहित होकर मुझे ज़ोर से चिपककर तेज़ी से किस करने लगी।

 फिर मैंने तनु को बैठाकर ब्रा और शर्ट को निकाल दिया।
 तनु घबरा गई और अपने दोनों हाथों से अपनी छाती को ढकने लगी।

 मैंने तनु को लिटा दिया और उसके हाथ हटाकर बारी-बारी से उसकी चूचियों को चूसने लगा।
 उसकी गोल और सख्त चूचियाँ ऐसी थीं जैसे दो कटोरियों को छाती पर रखा हो।

 मैं बार-बार उसकी दोनों चूचियों को चूसता रहा और उसकी चूचियों को चूसते हुए उसकी सलवार का नाड़ा धीरे-धीरे उसके पैरों से निकाल देता था।

 तब मैंने तनु की पैंटी निकालकर उसकी चूत को देखा।
 उसकी चूत पर कोई निशान या नाम भी नहीं था।

 “मैंने अभी आने से पहले ही अपने बालों को साफ किया था!” उसने कहा जब मैंने पूछा। अब मैं चुप हो गया और उसकी चूत पर अपने होंठ लगाकर उसकी चूत के होठों को चूसने लगा।
 तनु की चूत से थोड़ा-थोड़ा रस निकल रहा था।

 मैंने तनु को उठाकर मेरे मुँह पर बैठने को कहा ताकि मैं आसानी से उसकी चूत को चूस सकूँ और उसका मुँह मेरे लोड़े की ओर हो।

 तनु ने बिना कुछ कहे अपने नरम हाथों में मेरे लोड़े को पकड़ लिया और उसे प्यार से सहलाने लगी।
 फिर उसने अपनी जीभ से मेरे लोड़े का टॉप छेड़ना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे मेरे लोड़े को मुँह में लेकर बहुत प्यार से चूसने लगी।

 मैं जन्नत में आ गया था।
 मैंने सोचा, "अगर ये सिर्फ दो मिनट रहे, तो काम खत्म हो जाएगा! ”

 तनु को ऊपर से हटने को मैंने कहा।

 मेरे कहने पर वह ऊपर से उतरकर मेरे बगल में लेट गई और मुझे किस करने लगी, हालांकि वह यह नहीं चाहती थी।

 मैं भी थोड़ी देर लेट गया।

 फिर मैं तनु के ऊपर लेट गया और उसकी टाँगों को अपने लोड़े से सहलाने लगा।

 फिर मैंने अपने लोड़े के टॉप को धीरे-धीरे उसकी चूत पर दबाने लगा।

 थोड़ी मुश्किल से मेरा पूरा लौड़ा उसकी चूत में समा गया।
 फिर मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने लगे।

 थोड़ी देर बाद, तनु ने कहा, “मेरे पैरों में दर्द हो रहा है! ”
 “ठीक है! मैंने कहा।  मैं नीचे लेट जाऊँगा! और मैंने उसे अपने ऊपर उठाया।

 मेरे ऊपर बैठकर तनु मेरे लोड़े पर उछलने लगी।
 तनु के बूब्स मेरे मुँह के पास लटक रहे थे।

 मैं तनु की गाँड को पकड़कर उसकी चूचियों को चूसने लगा और नीचे से ज़ोर-ज़ोर झटके मारने लगा।

 दो या तीन मिनट बाद, मैंने तनु को दीवार के पास खड़ा कर दिया, उसकी दोनों टाँगों को पकड़कर उसे गोद में उठा लिया और अपना लौड़ा जड़ तक उसकी चूत में डाल दिया।

 मैं तनु को गोद में लेकर उसके होठों को चूसता जा रहा था और बुलेट ट्रेन की तरह तेजी से नीचे से झटके मारा जा रहा था।

 थोड़ी देर में, तनु की चूत में पानी छोड़ दिया और वह काँपकर मुझसे चिपक गई।

 मैं भी चरम सीमा पर था।
 मैंने तनु को नीचे उतारा और उसके मुँह में अपना लौड़ा डालकर तेज झटके मारने लगा।

 मैं उसके मुँह की गर्मी को सहन नहीं कर सका और कुछ ही सेकंड में अपने माल की पिचकारी उसके गले में डाल दी।

 तनु मुझे मुक्का मार रही थी और साँस लेने में मुश्किल हो रही थी, लेकिन मैंने उसके मुँह से लोड़ निकालने तक नहीं छोड़ा।

 जब मेरा लौड़ा कुछ सेकंड में अपने आप ही उसके मुँह से बाहर आ गया, तो तनु मुझे शिकायत भरी नजर से देख रही थी।
 उसका चेहरा देखकर मुझे हँसी आ गई।

 तब हम एक-दूसरे से चिपककर आराम से सो गए।

 थोड़ी देर बाद, तनु ने मेरे लोड़े को फिर से चूसना शुरू कर दिया, और हम एक बार फिर से खेले।

 दुकान से निकलकर मैं और तनु अपने घर चले गए।

 हमारा संबंध पांच महीने चला, जिसमें मैंने तनु को लगभग बीस से पंद्रह बार चोदा।

 हम एक-दूसरे से अलग हो गए और अपनी-अपनी लाइफ में खुश हो गए।

 यह मेरी पंजाबन प्यारी मैडम की चुदाई की कहानी थी।
 उम्मीद है आपको हॉट पंजाबी Xxx कहानी पसंद आई होगी।

 अपने विद्यार्थियों की उत्सुकता और अनुग्रह के साथ मैं जल्दी अपनी अगली कहानी प्रस्तुत करूँगा।
 तब तक के लिए धन्यवाद!

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