मैंने छोटे भाई से चुदाई करवा ली

Dec 15, 2025 - 16:30
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मैंने छोटे भाई से चुदाई करवा ली
Bad Sis पोर्न कहानी में मैं रखैल की तरह अपने दोस्त की बहन को चोदता था। उसका भाई, यानी मेरा दोस्त, भी उसे चोदना चाहता था। लड़की को उसके भाई की इच्छा बताई।
 
प्रिय लोगों, आप सब मेरी पिछली सेक्स कहानी, दोस्त की दीदी की ग्रुप चुदाई की योजना बनाने के लिए बहुत प्यार देते हैं।
मैं आप सभी को अपनी नवीनतम यौन कहानी में स्वागत करता हूँ।
 
आपने पिछली कहानी में पढ़ा था कि मैं और जाह्नवी दीदी ने तसल्ली से यौन संबंध बनाए रखा था और अभी भी बनाए रखते हैं।
 
उन्हें एक दिन चोदते समय मैंने उन्हें बताया कि मैं और उनका सगा भाई सचिन ने उनकी ब्रा और पैंटी को बदनाम किया था।
अब यह जानकर दीदी चाहती थीं कि वे अपने भाई के साथ अकेले में नहीं बल्कि मेरे सामने सेक्स करें।
 
बाद में क्या हुआ, यह जाह्नवी दीदी से सुनिए।
 
प्रिय..। तुम सबको चूत की रानी का बहुत प्यार।
मैं सेक्सी जाह्नवी हूँ।
 
ये यौन कहानी 26 वर्ष की उम्र में हुई है।
मैं सिर्फ अभिषेक और समीर से चुद चुकी थी, और मेरा फिगर 32-28-34 था।
 
पहले मैं अभिषेक के साथ चुदने में बहुत शर्म आती थी क्योंकि वह मेरी सहेली का भाई था और उम्र में भी पांच साल छोटा था।
 
फिर आप समझ सकते हैं कि मैं अपने सगे भाई के साथ चुदाई करने में कितनी शर्म महसूस की थी।
लेकिन भाग्य कुछ और चाहता था।
 
Abhishek को पता चला कि मेरा भाई सचिन भी मुझे चोदना चाहता था, इसलिए वे पहले मिलकर मुझे चोदने का कार्यक्रम बना रहे थे।
 
पर मैं अपने भाई के साथ अकेले में सेक्स करना चाहती थी क्योंकि मैं दोनों की आंखों में शर्म देखना चाहती थी।
 
मैं जानता था कि अभिषेक मुझे सचिन के साथ अकेले में चुदवा ही देगा।
 
मेरे भाई ने पहले भी मुझे नंगी देखा था।
मैं इसे पूरी तरह से जानता था।
 
क्योंकि ये भोसड़ी वाला मुझे गेट के छेद से देखता था जब मैं बाथरूम में नहाती थी।
 
पहले मैंने सोचा कि दरवाजा खोलकर इसकी गांड पर लात मार दूं..। फिर उसके सामने अपने नग्न चुत और दूध दिखाने का मन करने लगा, न जाने क्यों।
 
अब मैं भी उसे दिखाती हुई अपनी चूचियों से खेलती और उसके सामने अपनी चुत में उंगली डालती, कभी-कभी टूथ ब्रश को आधा अन्दर डालकर उसे खुश करती।
 
मैं अब अपनी कहानी पर आ जाता हूँ क्योंकि मुझे लगता है कि आपको ऐसे ही कामुक करके झड़ा देना अच्छा है।
 
मुझे पता था कि मेरा छोटा भाई मुझे चोदना चाहता है, इसलिए मैं उसको और अधिक उत्तेजित करना चाहती थी।
 
इसलिए अब मैं बिना ब्रा और पैंटी के रात को घर में रहने लगी, जब मेरे पापा नहीं होते।
यह हुआ कि जब मैं झुकती थी, भाई आसानी से मेरी गांड पीछे से अपनी लकीर से उसकी तरफ आकर्षित करता था।
 
फिर मैं बाथरूम में नहाने जाती हूँ ताकि उसे मेरा पूरा शरीर दिख जाए।
उसने मुझे चुत में उंगली करते हुए भी देखा।
 
मुझे लगता था कि वह मुझे चुदासी समझकर प्रपोज कर देगा, लेकिन मेरा भाई पूरी तरह से बेवकूफ था।
 
फिर भी उसने अपनी तरफ से कुछ नहीं किया।
ऐसे दस से पंद्रह दिन निकल गए।
 
फिर पिता को कार्यालय से 3 से 4 दिन बाहर जाना पड़ा।
तो मैंने निर्णय लिया कि अब भाई से संबंध बनाना ही है..। या तो सेक्स करना होगा, या फिर उसे कहना होगा कि वह मुझे बाथरूम में नंगी देखना बंद कर दे।
 
उस दिन रात को वह फिल्म देख रहा था।
मैंने उसे अपने कमरे में बुलाया और सीधे पूछा: क्या आप लंड हिला रहे हैं?
उसे शर्म आने लगी।
 
मैंने उसे गाली दी, "भोसड़ी के... मेरी ब्रा-पैंटी पर गीला क्यों करता है?"
वह नीचे देखने लगा।
 
फिर मैंने उसे बेड पर रखी अपनी पैंटी दी और कहा, "अब इस पर काम करो।"
 
डर से वह कांपने लगा और माफी मांगी, दीदी।
उसने मेरे पैर को पकड़ लिया।
 
मैं वासना की रौ में उससे कहा, "बहनचोद..।" मैंने कहा था कि मां के लौड़े मेरे सामने नहीं करते थे!
 
मेरी गाली सुनकर उसे अजीब लगा।
मैं उसे देखकर बहुत हंस रहा था, लेकिन आज मैं भाई को थोड़ा परेशान करना चाहता था।
 
मैंने एक बार फिर कहा कि मेरी पैंटी और ब्रा छोड़ दो।
फिर मैंने स्वयं उसे अपनी ब्रा दी।
 
मैंने कहा: अब मेरे सामने इसे गंदी करो!
 
वह बहुत कांपने लगी जब उसने पैंटी हाथ में ली।
मैं जानता था कि इससे कोई फायदा नहीं होगा।
 
मैंने उससे कहा, भाई, डर मत। मैं किसी से कुछ नहीं कहूँगा। मेरे सामने मेरी ब्रा-पैंटी गंदी करके दिखाओ।
 
मैंने उसे पास बुलाया और निक्कर के साथ उसकी अंडरवियर नीचे खींच दी, लेकिन उसने कुछ नहीं किया।
 
मैं उसका लंड ऊपर-नीचे करने लगी।
 
वह मुझे अपना लंड हाथ में लेकर मुठियाते हुए समझ गया कि दीदी आज खुश हैं।
 
शायद यही कारण था कि उसका लंड खड़ा होने लगा था।
फिर मैंने अपना लिंग कड़क करके कहा, "अब करो... ब्रा-पैंटी गंदी करो!"
 
उसने एक हाथ में पैंटी रखकर दूसरे हाथ में लंड लेकर पैंटी को हिलाने लगा।
 
मैंने उसके लौड़े को देखते हुए कहा कि वह अपना लौड़ा हिलाते समय कुछ बोलता भी होगा। तुम मुझे याद करके अपना हथियार हिला रहे हो और अकेले हो लगता है।
 
तो उसने आंखें बंद कर लीं और ऊ... आह... की आवाज निकालने लगी। प्यार, दीदी। तुम्हारी चूत एक बार मिल जाएगी!
मैंने पूछा: बस दीदी की चूत चाहिए?
 
उसने कहा, "हां दीदी..।" तुम्हारा दूध पीने को मिल जाएगा!
मैंने कहा कि अच्छा दूध भी चूसना चाहिए..। और मेरे बारे में क्या कहते हो?
 
मैंने यह कहते हुए उसे पूरी तरह से नंगा कर दिया।
 
उसने आंखें खोलकर कहा, दीदी, अब आप भी कुछ दिखाओ।
मैंने कहा, "तुम पहले मेरी ब्रा-पैंटी गंदी करो, फिर मैं सोचूँगा।"
इसलिए उसने कहा, "ओके!"
 
मैं फिर से बेड पर बैठ गया।
वह फिर पैंटी पर लंड हिलाकर कहा, "ओह मादरचोद..।" क्या सुंदर रांड दीदी किस्मत से मिली है..। बस इसकी चूत प्राप्त करें..। मैं साली की चुत का भोसड़ा बनाऊंगा।
 
उसने यह सब कहते हुए ब्रा को चाटना शुरू कर दिया।
उसकी हरकतों को देखकर और उसके मुँह से अपने लिए गंदा सुनकर मेरी चुत में चींटियां रेंगने लगीं।
 
फिर पांच से छह मिनट में उसने पैंटी पर पानी छोड़ दिया।
मैंने उससे ब्रा और पैंटी वापस ले ली और अपने भाई का प्यार महसूस करने लगी।
 
फिर मैंने उससे कहा कि वह अपने कमरे में चले जाए।
वह क्रोधित होकर मेरी ओर देखा और कहा, "प्लीज़ दीदी..।" आप अपनी चूत नहीं दिखाते!
 
मैंने पूछा: क्यों? जब मैं नहाती हूँ, तू रोज़ देखता है!
पास से देखो, उसने कहा।
 
मैंने कहा: "अच्छा..।" क्या होगा मेरे साथ?
तो उसने कहा, तुम्हारी चूत भी चाटना है।
 
चुत चटवाने के लिए मैं कुछ उत्साहित था।
 
मैं उसे देखते हुए क्रोध से पूछा-और?
उसने मेरे दूध को देखते हुए कहा, "तुम भी चोदना।"
 
मैंने कहा, भाई, चुदाई भी करो। लेकिन मैं अभी नहीं सोच सकता!
 
मैं भाई को और परेशान करना चाहती थी, हालांकि मेरा मन बहुत भारी था।
उसने कहा, "तुम चाहो तो चुदवा लो, दीदी, लेकिन अभी अपनी चूत दिखाओ।"
 
उसकी बात से मैं तुरंत गर्म हो गया और कहा—खुद देखो!
यह कहकर मैं लेट गया।
 
मेरा लोअर उसने एक झटके में नीचे खींच लिया।
मैं पूरी तरह से नग्न हो गया क्योंकि मैं ब्रा-पैंटी नहीं पहनती थी।
 
तुम भी मुझसे चुदना चाहती थीं, दीदी? वह मेरी गीली चुत देखकर पूछा।
मैंने कुछ नहीं कहा।
 
उसने कहा, "यार, आपकी चूत बहुत अच्छी है!"
मैंने कहा कि अगर तुमने देखा है, तो जाओ अपने कमरे में।
दीदी, इतनी जल्दी क्या है?
 
उसने यह कहकर अपने हाथ से मेरी चूत को सहलाना शुरू कर दिया और मुँह को मेरी चूत पर रखकर चाटने लगा।
 
मैंने कहा, "आह भाई..।" आश्चर्यजनक लगता है।
तो उसने कहा, "मैं बहुत सालों से तुम्हें चोदना चाहता था, अब मुझे मौका मिला।" प्रिय दीदी, आज आप कुछ भी नहीं कहेंगे।
 
मैं मुस्कराया।
दीदी, क्या आप वर्जिन हैं या पहले चुद चुकी हैं?
मुझे अब शर्म आने लगी।
 
मैंने कहा, नहीं भाई, मैं वर्जिन नहीं हूँ।
तुमने किससे चुद लिया? वह पूछा।
 
मैंने कहा कि हम ये काम बाद में करेंगे। तुम मुझे पहले चोद दो!
 
उसने पूछा, दीदी, क्या आप हार्ड सेक्स करेंगे?
मैंने कहा, "ओके भाई!"
 
ठीक है, दीदी, वह कहती थी।
फिर उसने मुझे ज़ोर से थप्पड़ मारा।
 
मैंने पूछा: क्या हुआ?
वह विनती की। हार्ड सेक्स का मज़ा लो!
 
मैंने कहा, "यार, मुझे भी दर्द होता है!"
तो उसने कहा, "आज रात के बाद मुझे जितना मारना होगा, मार लो।" पर आज मुझे रोको, कृपया..। आज ज़ोर से चीखो और चिल्लाओ।
 
मेरा कमरा घर की सबसे आखिरी मंजिल पर था, इसलिए किसी को मेरी आवाज़ सुनाई नहीं देनी थी।
 
मैं खुद भी ऐसी चुदाई करवाना चाहती थी, लेकिन मैं कभी अभिषेक और समीर से नहीं कह पाई क्योंकि मुझे डर था कि दोनों मेरी प्रतिक्रिया क्या होगी।
 
लेकिन आज मेरा भाई बिना कुछ कहे मेरी भावना समझ चुका था।
 
उसने ज़ोर से मेरी चूत पर दांत गड़ाए, मेरे गाल पर थप्पड़ लगा रहे थे।
मैंने कुछ नहीं कहा।
 
वह 5 से 10 मिनट तक कुत्तों की तरह चूत चाटता रहा।
 
फिर उसने मेरी टी-शर्ट फाड़ दी और कुत्तों की तरह मेरे बूब्स को दबाने लगा।
 
मैंने विनती की, भाई..। आराम करो!
 
फिर उसने मुझे थूक दिया। मैं भी उसका थूक गटक गया।
मैं अपने बड़े भाई के सामने बिना कपड़े के पड़ी हुई थी।
 
कुछ देर बाद, उसने मुझे उल्टा करके मेरी गांड पर लगभग बीस से पचास थप्पड़ मारे।
मैं चिल्ला रहा था: बचाओ बचाओ..। वाह..। कुत्ते ने माँ को मार डाला..। आह्ह्ह्ह!
 
मुझे अंदर से खुशी मिली क्योंकि आज मेरी दो इच्छाएं एक साथ पूरी हो गईं।
एक भाई से चुदवाने की और दूसरे से बहुत बुरी तरह से शारीरिक संबंध बनाए।
 
मैं "उम्म्म... आह्ह्ह..." कह रही थी, लेकिन वह कहां मानेगा?
उसने दांतों से मेरी गांड चाटना शुरू कर दिया, मेरी पूरी गांड लाल कर दी।
 
फिर वह उठकर बाथरूम में चली गई, जबकि मैं टॉयलेट में चली गई।
 
उसके तीव्र थप्पड़ों से मेरी गांड अभी भी जल रही थी।
मेरी कठोर चुदाई के दौरान मेरे अंदर उतनी ही खुशी थी जितना मेरे शरीर में दर्द था। मैं बहुत सालों से सोच रहा था कि कोई भेड़िए की तरह मेरे शरीर को नोंचकर खा जाएगा और मैं चीखूँ और चिल्लाऊँ।
 
मैं आज बहुत खुश हूँ कि मेरी दो इच्छाएं पूरी हो गईं...। बस भाई थोड़ा अधिक कठोर हो गया..। लेकिन वह कहां विश्वास करने वाला था!
उसने एक चूतड़ पर दांत गड़ाए और मेरी पूरी गांड चाटना शुरू किया।
 
फिर वह उठकर बाथरूम में चली गई, जबकि मैं टॉयलेट में चली गई।
 
उसकी उंगलियों के निशान मेरी पूरी गांड पर थे, जब मैं बाथरूम के शीशे में देखा।
 
मैं बाथरूम से बाहर आई तो देखा कि दो बज चुके हैं।
 
कल स्कूल जाना था, इसलिए मेरे पास अब कोई साहस नहीं था।
एक घर के पास एक स्कूल में मैं पढ़ाने जाती थी।
 
वह घर से शहद लाया।
 
मैंने पूछा: ये किस उद्देश्य से है?
उसने कहा, दीदी। तुम्हारी गांड चाटने का मन है!
 
मैंने विनती की, भाई..। अब सो जाओ। मेरे पूरे शरीर में दर्द है!
उसने कहा, "क्या दीदी?" आपको अभी चोदा भी नहीं गया है और आप सोने की बात कर रहे हैं!
 
मैंने विनती की, "प्रिय..।" मेरा पानी दो बार निकल गया है और कल मुझे स्कूल जाना है!
उसने कहा कि कल स्कूल नहीं जाना चाहिए और छुट्टी ले लो।
 
मैं कुछ कहने से पहले ही उसने मुझे बेड पर धक्का देकर उल्टा कर दिया।
 
उसने गांड के छेद को शहद से ढक दिया।
मैं चुपचाप रह गया।
 
उसने मेरी गांड बहुत देर तक चाटी, नाखूनों से निशान भी बनाए।
 
मैं सिर्फ बेसहारा-सी लेटी को अपने सगे भाई से एक-एक कतरा निचुड़वा रहा था।
फिर वह खुद बेड पर लेट गया और मुझे खड़े होने को कहा।
 
मैंने सोचा कि अब शायद मेरी शादी हो जाएगी..। लेकिन आज दीदी के साथ एक रात में सब कुछ पाना चाहता था।
 
वह बैठा-बैठा मुझे देखकर हंस रहा था जब मैं नंगी उसके सामने खड़ी थी।
 
मैंने विनती की, भाई, अब भी चोद दे।
उसने कहा, "रंडी साली, आज तुम पूरा मज़ा लेगी।"
 
उसने अपने मोबाइल पर गाना शुरू किया।
 
फिर उन्होंने कहा, "दीदी, डांस करो!" क्योंकि वह जानता था कि मैं डांस करना बहुत पसंद करता हूँ और मैं डांस करने में बहुत अच्छा हूँ।
 
शीला की जवानी गाने पर मैं नाचने लगी।
मैं अपने जीवन में पहली बार पूरी तरह से नग्न होकर डांस कर रहा था।
 
उसने चार-पांच गानों पर लगभग पंद्रह से बीस मिनट तक डांस करवाया।
 
फिर मुझे पास बुलाकर मुझे लिप किस किया।
वह मेरे मुँह में जीभ डालकर मेरा थूक लिया और फिर उसे मेरे मुँह में छोड़ने लगा।
 
पसीने से मेरा पूरा शरीर तरबतर हो गया।
उसने कान के पीछे और गर्दन पर मेरा सारा पसीना चाट लिया।
 
मैंने कहा, भाई, तुम बहुत पागल हो रहे हो!
उसने कहा, "दीदी, आप नहीं समझ सकते कि मैं आपके लिए कितना दुखी हूँ।" हर भाई अपनी दीदी से चुदाई करना बहुत महत्वपूर्ण है।
मैं हंसकर कहा—ठीक है!
 
फिर उसने धीरे-धीरे मेरे बूब्स और गाल पर थप्पड़ मारने लगा, पूरा लंड मेरे मुँह में डालकर।
 
मैं "ऊ... ऊऊऊ... गू... उम्म्म..." की आवाज निकाल रहा था।
उसका सुपाड़ा मैं प्यार से चाट रहा था।
 
मैंने उसके लंड पर धीरे-धीरे दांत गड़ाए, तो वह चिल्लाने लगा।
 
बहन के लौड़े अब समझ में आए, मैंने कहा। तुम मुझे साले दांत गड़ा रहे थे, तो मैंने कुछ नहीं कहा।
फिर चार से पांच मिनट बाद उसने मेरे मुँह में अपना पानी छोड़ दिया।
 
मैंने भी अपने भाई का पूरा पानी प्यार से पीया।
 
फिर उसने अपने हाथों से मेरी चूत को मसलना शुरू किया।
मैं कह रहा था, "उम्म्म... आह... उम्म... भाई अब चोद भी दे अपनी दीदी!"
 
उसने मेरी चूत पर अपने लंड का सुपाड़ा रखा।
 
मैंने कहा, "भाई..।" कंडोम पहले लगाओ।
उसने कहा कि कंडोम नहीं है।
 
सचिन के कारण मैं हमेशा अपने पर्स में कंडोम रखती थी, इसलिए मैंने उसे कंडोम निकालकर दे दिया।
 
वह बोली, "दीदी आज बिना कंडोम करने दो।" मैं कल आपको दवा ला दूँगा।
मैंने कहा: ओके।
 
फिर उसने धीरे-धीरे मेरी चुत में सुपाड़ा डाला।
मैं "उम्म्म... उम्म्म..।" तुम अपनी दीदी को चोदकर बहनचोद बन जाओ। “तुम्हारा आह बहुत मोटा है,” वह कहती थी।
 
उसने सुपाड़ा धीरे-धीरे अन्दर डाला, लेकिन एक झटके में बाकी का लंड पूरा भर गया।
मृत भोसड़ी के लिए मैं चिल्लाया..। आराम नहीं कर सकता था, बेवकूफ!
वह हंस पड़ा।
 
मैं भी अपनी दोनों टांगें फैलाकर भाई के लंड से चुदने लगा।
आह्ह्ह... आह्ह्ह... और तीव्र स्वर में भाई!’
 
वह चोदते हुए मेरे बूब्स को दबाने लगा।
फिर उसने मेरी दोनों टांगें अपने कंधों पर रखकर तीव्र झटके देने लगा।
 
मैं अपना पानी छोड़ चुकी थी और मेरा पूरा शरीर अकड़ने लगा।
 
फिर मैं सिर्फ टांगें फैलाकर उसका साथ दे रहा था।
 
थोड़ी देर बाद भाई ने कहा, "दीदी, मैं होने वाला हूँ।" निकालना कहाँ है?
 
मैंने कहा, "भाई, तुमने कंडोम नहीं लगाया है, प्लीज अपना निकालो।"
 
नहीं, मेरी प्यारी रंडी बहन, वह हंसकर कहा। यह पहली बार है कि मैं आपकी चुत से रबड़ी निकालूँगा!
 
यह कहते हुए, वह मेरे ऊपर लेट गया और मेरी गर्दन को चूमने लगा, दस से बारह ज़ोरदार धक्के।
 
मैं उसके लंड से बाहर निकलते हुए स्पर्म को महसूस कर रहा था।
 
मैंने बैड सिस पोर्न का मजा लेने के कुछ देर बाद उसे छोड़कर टॉयलेट चली गई।
अब मेरे शरीर से जान निकल रही थी और भाई का प्यार मेरी चूत से टपक रहा था।
 
मैं बाथरूम से चूत धोकर आई। सुबह पांच बज चुके थे जब मैंने घड़ी देखा।
 
मैंने भाई से पूछा कि क्या वह दवा लेकर आया था।
उसने कहा, "हां दीदी, मैं मेडिसिन खाकर किचन में गया था।"
 
मैंने कहा, "तभी आज तुमने मेरी जान निकाल दी।"
दीदी, आज मैं पूरी तरह से खुश हूँ। क्योंकि प्रेमिका के साथ बस 1-2 घंटे मिलते थे!
 
फिर वह छोटे बच्चों की तरह मुझसे लिपट कर सो गया और मेरे बूब्स को चूसने लगा।
मैं भी सो गया था।
 
वह फिर से मेरी चूत चाट रहा था जब मैं सो गया।
 
दोपहर के एक बज गए थे।
 
जब मैं उठकर बाथरूम जाने लगी, तो उसने कहा कि हम दोनों नहाते हैं।
मैंने कुछ नहीं कहा।
 
उसने बाथरूम में मुझे फिर से चोदा।
 
अब जब भी घर पर पापा नहीं होते, वह ऐसे ही बुरी तरह से सेक्स करता है, और मैं भी चीखता हूँ।
 
रात को मेरे कमरे में प्यार से सेक्स करता है।
 
मैं अब अपने दोनों भाइयों की पत्नी हूँ।
शादी से पहले ही मैंने अपने सगे भाइयों से अपना मुँह, चूत और गांड खोला था।
 
मेरी शादी हो गई है और एक बच्चा भी है, इसलिए मैं अब भाइयों से बहुत कम सेक्स कर पाती हूँ।
 
मेरी बेड सिस पोर्न कहानी पढ़ने के लिए सभी को धन्यवाद। भी भेजें।
 
मेरे दूसरे भाई से चुदाई की कहानी अभी बाकी है, जो अगली कहानी में बताऊँगा।

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